कलक्टर के आदेश पर घटिया सड़क निर्माण कार्यों की जांच शुरू, जांचदल ने नव निर्मित सड़क के लिए नमूने
*केकड़ी शहर में आनन फानन में शुरू हुए करोड़ो के निर्माण कार्य जांच के घेरे में, एसीबी के एडीजीपी तक पहुंची शिकायत*
केकड़ी 7 जनवरी (पवन राठी)
केकड़ी शहर में पिछले दो महीनों में अंधाधुंध हुए करोड़ों रुपए के सड़क नाली के निर्माण कार्यों की जांच का सिलसिला शुरू हो गया है। जिला कलक्टर के आदेश पर एक जांच दल ने नव निर्मित सड़क की कोर कटिंग कर जांच के लिए नमूने लिए। सड़क निर्माण कार्यों में नगर पालिका अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण सामग्री काम में लेने के आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता व पूर्व सहवृत सदस्य मोडसिंह राणावत ने पिछले दिनों जिला कलक्टर को शिकायत की थी। जिला कलक्टर के आदेश पर आये जांच दल ने यहां पीर बाबा से डोराई का रास्ता तक नवनिर्मित सड़क के आठ नमूने लिए। इन सभी नमूनों को शिकायत कर्ता राणावत की मौजूदगी में सील बंद किया गया।दो namune तो मोके पर ही टूट गए और घटिया निर्माण सामग्री उपयोग में लेने की पोल खोलकर रख दी। इस जांच दल में किशनगढ़ नगर परिषद के एईएन त्रिलोकचंद कुमावत व पुष्कर नगरपालिका के एईएन पारस जैन शामिल थे। राणावत ने गत दिनों विभागीय अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों व एसीबी को शिकायत की थी कि यहां नगरपालिका अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते सड़क नाली निर्माण में घटिया सामग्री काम में ली गई है। उनकी शिकायतों के बाद अब जांचों का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता मोडसिंह राणावत ने एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन को भी दस्तावेजी सबूतों के साथ घटिया सड़क निर्माण कार्य की शिकायत की है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि यहां पालिका के अधिकारियों ने मिलीभगत के चलते ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचा कर टेंडर प्रक्रिया में बेईमानी की है। वहीं एसीबी को शिकायत में यह भी बताया कि ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री काम में ली गई है जिसकी जांच होनी चाहिए। राणावत ने ए सी बी के दिनेश एमएन से सड़क के नमूनों की जांच मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान जयपुर (एमएनआईटी) से कराने की मांग की है ताकि जांच की पारदर्शिता कायम रहे। उल्लेखनीय है कि शहर का विकास दो साल से बंद पड़ा था। लेकिन गत दिनों नगरपालिका बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के तुरंत बाद ताबड़तोड़ निविदाएं आमंत्रित कर आनन फानन में सड़क व नाली निर्माण कार्य स्वीकृत कर दिए गए। निर्माण कार्यों में ठेकेदारों ने जमकर मनमानी की और निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री काम में ली। नतीजन अधिकांश सड़कें बनने के एक डेढ़ महीने बाद ही उधड़ गई और जब शिकायत हुई तो ठेकेदार ने ईदगाह वाली सड़क, पटेल मैदान की सड़क, नगर पालिका परिसर में पालिका के अधिकारियों की आंखों के सामने सीसी सड़क को कैमिकल पोतकर लीपापोती कर दी। इन दो महीनों में पालिका ने करीब 15 करोड़ रुपये के सड़क, नाली, भवन निर्माण के कार्य आदेश दिए हैं। कुल मिलाकर विकास के नाम पर नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से मिलीभगत कर पालिका के बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है।