कोविड-19 टीकाकरण का ड्राई रन आयोजित

अजमेर, 8 जनवरी। जिले में दो राजकीय एवं एक निजी चिकित्सालयों पर कोविड-19 टीकाकरण का ड्राई रन शुक्रवार को आयोजित किया गया। इसमें तीनो जगहों पर 25-25 स्वयंसेवकों को डमी कोरोना वेक्सीन दी गयी। अजमेर जिले में तीनों स्थानों पर कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन सफल रहा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. के. सोनी ने बताया कि देशव्यापी ड्राई रन के अंतर्गत 8 जनवरी को अजमेर जिले में तीन स्थानों पर कोरोना वैक्सीन को लगाने की प्रक्रिया को जांचा गया। मित्तल अस्पताल में 25 चिकित्सा कर्मियों पर टीका लगाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इसके साथ ही जेएलएन अस्पताल और सुरसुरा स्थित स्वास्थ्य केन्द्र पर भी टीका लगाने की प्रक्रिया को जांचा गया। अजमेर में टीका लगाने की प्रक्रिया को दूसरी बार जांचा गया है। अब अजमेर का चिकित्सा विभाग कोरोना का टीका जरुरतमंदों को लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

उन्होंने बताया कि वैक्सीन प्राप्त होने पर जिले भर में 100 से भी ज्यादा स्थानों पर टीकाकरण किया जाएगा। वैक्सीन को सुरक्षित रखने और निर्धारित केन्द्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है। पहले चरण में चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी। सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार फ्रंट लाइन वर्कर्स के बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र व विभिन्न बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के टीका लगाया जाएगा। 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य केन्द्र पर बुलाने के लिए सूचित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि वैक्सीन को लेकर चल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। सरकार की विभिन्न एजेंसियां इस पर लगातार निगरानी कर रही है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा द्वारा सीधी निगरानी रखी जा रही है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के ड्राई रन में लाभार्थी की प्रवेश होते ही गार्ड द्वारा मैसेज तथा आईडी जांच कर प्रतिक्षा कक्ष में भेजा गया। इसके पश्चात् वेरीफायर द्वारा कोविड पोर्टल पर आधार कार्ड आइडी द्वारा लाभार्थी का ऑनलाईन वेरीफिकेशन किया गया। वेरिफिकेशन के पश्चात ही लाभार्थी को टीकाकर्मी के पास भेजा गया। सफल टीकाकरण के पश्चात् मोबिललाईजर के सहयोग से ऑब्जरवेशन कक्ष में 30 मिनट तक बैठा कर सुनिश्चित किया गया कि कोई प्रतिकूल प्रभाव लक्षित नही हुआ है। तीनों टीकाकरण स्थलों पर पुलिस विभाग द्वारा दो-दो कान्सटेबलों को वीओ-1 के रूप में नियुक्त किया गया। समस्त व्यवस्थाएं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा अंजाम दी गई।

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