देवनानी ने कहा कि बालक जन्म लेने के बाद पहली बार जो भाषा सीखता है वह उसकी मातृभाषा होती है इसलिए बालक के नैतिक विकास में भी मातृभाषा का विशेष महत्व होता है। मातृभाषा के महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश की नई शिक्षा नीति में प्रारम्भिक शिक्षा मातृभाषा में ही दिये जाने का प्रावधान किया है। प्रारम्भ्कि शिक्षा मातृभाषा में दिये जाने से बालक विषय को आसानी से समझ पाएगा साथ ही उसमें विषय की ग्राह्यता भी निश्चित रूप से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को जो महत्व दिया है वह अभिनंदनीय है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के चलते हम बिना सोचे-समझे विदेशी भाषाओं के पिछे भाग रहे है। हमें विदेशी भाषाएं भी सीखनी चाहिए परन्तु अपनी मातृभाषा की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। देवनानी ने क्षेत्रवासियों से आग्रह किया है कि घर पर सभी अपनी मातृभाषा में बातचीत करे तथा विशेष रूप से युवा पीढ़ि को इसके लिए प्रेरित करे।