कांग्रेस के वरिष्ठ युवा नेता व मानव अधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राजस्थान में मिलावटखोरों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग करते हुए कठोर से कठोर सजा देने की मांग की है।
कांग्रेस नेता शैलेश गुप्ता ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि बंगाल आसाम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश मैं मिलावट करने वालों को उम्र कैद देने का प्रावधान कर रहा है। शैलेश गुप्ता ने कहा कि अब तक मिलावटखोरों को सिर्फ छह माह की सजा ओर ₹1000 जुर्माना का ही प्रावधान था। इस का नतीजा यह हुआ कि आज देश के 40% से भी ज्यादा चीजों में मिलावट होती है सिर्फ दूध और मसाले ही मिलावटी नहीं होते अनाजों में भी मिलावट जारी है। शैलेश गुप्ता ने कहा कि सबसे खतरनाक मिलावट दवाइयों में होती है इसके फलस्वरूप हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। करोड़ों बीमार पड़ते हैं और उनकी शारीरिक कमजोरी या नुकसान सारे देश को भुगतने पड़ते हैं। गुप्ता ने कहा कि सरकारी नियम के तहत मिलावट खोर को 6 माह की जेल और ₹1000 जमा होता है। एवं अपराधी के तौर पर कोई सेठ नहीं उसका नौकर ही पकड़ता है। अब कानून ऐसा बनना चाहिए कि मिलावट के अपराध में कंपनी या दुकानदार के मालिक को पकड़ा जाए। उसकी सारी चल अचल संपत्ति जप्त की जानी चाहिए। एवं मिलावट की जांच के नतीजे दो-तीन दिन में आ जाने चाहिए। आज सालों जांच करने में ही लग जाते हैं कि यह सामान मिलावटी था या नहीं ।
शैलेश गुप्ता ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करना एक प्रकार का हत्या जैसा अपराध है। यह हत्या से भी अधिक क्रूर है। यह सामूहिक हत्या है इस हत्या के विरुद्ध संसद को चाहिए कि वह सारे देश के लिए कठोर कानून पारित करें।