राजस्थान दिवस पर लोक कला संस्थान द्वारा मांडना कार्यशाला का आयोजन

लोक कला संस्थान अजमेर द्वारा राजस्थान दिवस के अवसर पर राजस्थानी मांडना में गणेश चित्रण की ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया l कार्यशाला में देश की लगभग 30,000 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे लोक कलाकार संजय कुमार सेठी ने आराध्य देव गणपति का अंकन और चित्रांकन मांडना शैली में करने की प्रक्रिया को विस्तृत रूप से समझाया। मांडना में भर्ती, रेखांकन एवं उपयोग में आने वाले प्राकृतिक रंगों की भी जानकारी दी गयी l l इस अवसर पर सेठी ने मांडना के इतिहास और उसकी विभिन्न शैलियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोक कलाओ का भारतीय समाज में प्राचीनकाल से चलन रहा है। चित्रांकन शैली केनवास पर बाद में आयी लेकिन दीवार, आँगन और गुफाओ में लम्बे समय से चली आ रही है, अजंता एलोरा और भीम बेटका में भी इसके प्रमाण देखने को मिलते है। इसी प्रकार मांडना व अन्य लोक कलाओ का चित्रण रामायण महाभारत से लेकर आदिवासी काल में भी देखने को मिलता है। इन्हे शुभ अवसरों पर बनाया जाता है, राजस्थान में मुख्यतः दीपावली, होली, रक्षाबंधन, मकर सक्रांति, गृह प्रवेश और वैवाहिक अवसर पर मांडना का अंकन किया जाता है l उन्होंने बताया कि लोक कलाओ में पर्यावरण संरक्षण व वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी दर्शाया जाता है। कार्यशाला के दौरान राजस्थानी लोक गीतों का भी गायन हुआ जिसमें राजस्थान की धरती और यहां के पहनावे लोक संगीत, गायन वादन आदि के बारे में जानकारियां दी गई l प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी तुरंत दिए गए l
Sanjay Kumar Sethi
9414002387

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