केन्द्र सरकार करे हस्तक्षेप, स्मार्ट सिटी में हो जन उपयोगी कार्य: देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 01 अप्रेल।
अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है कि केन्द्र सरकार हस्तक्षेप करते हुए एसी गाईड लाईन तय करे कि अजमेर शहर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत आमजन की सुविधा के लिए जरूरी कार्यो को प्राथमिकता से स्वीकृत किया जाए साथ ही वर्तमान में जो काम कराए जा रहे है उनकी गुणवत्ता, उपयोगिता व आवश्यक मापदण्डों की भी जाचं कराई जाए।
देवनानी ने पत्र में यह उल्लेख किया है कि भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा ही वर्ष 2016 में द्वितीय चरण के तहत अजमेर शहर का चयन स्मार्ट सिटी के लिए किया गया था परन्तु राजस्थान में दिसम्बर 2018 में कांग्रेस की राज्य सरकार के गठन के उपरान्त प्रशासन द्वारा मनमर्जी से पूर्व में स्वीकृत कार्यो को निरस्त कर दिया गया व कई एसे कार्य स्वीकृत कर दिये जो स्मार्ट सिटी मिशन के मूल उद्धेश्यों के अनुरूप नहीं है।
उन्होने अजमेर में स्थित एतिहासिक आनासागर झील के चारो ओर बनाए जा रहे पाथ-वे का उल्लेख करते हुए लिखा कि झील के किनारे कई जगहों पर मिटट्ी डलवाकर लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण करके झील का आकार व स्वरूप बिगाड़ दिया है परन्तु जिला प्रशासन व स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारी अतिक्रमणों को बिना हटाये ही पाथ-वे का निर्माण कराने पर तुले हुए है।
देवनानी ने स्मार्ट सिटी योजना से जुड़े अधिकारियों पर नागरिकों की आवश्यकताओं को नजरअंदाज कर आनन-फानन में मनमर्जी से काम स्वीकृत करके प्रोजेक्ट की बड़ी राशि को ठिकाने लगाने का आरोप लगाया है जिससे आमजन को काई सीधा लाभ नहीं मिलने वाला है जबकि स्मार्ट सिटी मिशन का मूल उद्धेश्य है कि नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले एसे स्थाई निर्माण कराए जाए जिससे नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर व सुविधाजनक बन सके। उन्होंने स्मार्ट सिटी के तहत स्वीकृत किये जा रहे कामों को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की भी उपेक्षा करने का आरोप अधिकारियों पर लगाया है।
उन्होने शहरी विकास मंत्री को यह भी बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अजमेर के कलेक्ट्रेट परिसर में नवीन भवन का निर्माण कराया जा रहा है जिस पर बड़ी राशि व्यय की जा रही है जबकि बजट की कमी बताकर परिवहन सुविधा की दृष्टि से आवश्यक स्मार्ट सुविधायुक्त रोड़वेज बसस्टेण्ड का निर्माण स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में अजमेर शहर की पेयजल व्यवस्था बहुत खराब है। क्षेत्र में 48 से 72 घण्टें के अन्तराल से पेयजल आपूर्ति की जाती है जबकि 48 घण्टें में नियमित पेयजल सप्लाई की सरकार ने घोषणा भी कर रखी है। इसके लिए जरूरी है कि पेयजल वितरण प्रणाली को सुदृढ व विकसित बनाने वाला तंत्र स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्राथमिकता से तैयार किया जाए। कुछ प्रमुख मार्गो को छोड़कर अन्य सभी मार्गो से गुजरने वाली विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने की आवश्यकता है। सफाई व कचरा संग्रहण व्यवस्था के सुधार की आवश्यकता है। सीवरेज लाईन भी शहर के कुछ वार्डो तक सीमित है जिसमें भी तकनीकी कमियों के कारण बहुत परेशानी होती है। कुछ पार्क विकसित किये गये है परन्तु उनकी देख-रेख की व्यवस्था नहीं है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है। ऐसे कई जरूरी काम है जिन्हें स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्राथमिकता से कराया जाना चाहिए था जिससे नागरिकों को सुविधा मिल सके, लेकिन ना तो आमजन की आवश्यकताओं पर कोई ध्यान दिया जा रहा है और ना ही योजना में जो निर्माण कार्य चल रहे है उनकी गुणवत्ता व सुरक्षा मापदण्डों पर कोई ध्यान दिया जा रहा है।
देवनानी ने शहरी विकास मंत्री से आग्रह किया है कि अजमेर के नागरिकों को भारत सरकार द्वारा मिली स्मार्ट सिटी की महत्वपूर्ण सौगात का वास्तविक लाभ धरातल पर मिल सके इसके लिए केन्द्र सरकार तत्काल हस्तक्षेप करते हुए झील किनारे पाथ-वे निर्माण से पहले अतिक्रमण हटाने, आमजन की सुविधा व आवश्यकता के अनुरूप कार्यो को प्राथमिकता से स्वीकृत कराने तथा योजना में कराये जा रहे कार्यो की गुणवत्ता व उपयोगिता की जांच कराने के लिए आवश्यक कदम उठावे।

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