लाखों पाक विस्थापित हिंदू परिवारों का जीवन खतरे में-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 10 मई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उŸार वासुदेव देवनानी ने आधार कार्ड के अभाव में पाक विस्थापित लाखों हिंदू परिवारों का वैक्सीनेशन नहीं होने पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे इन परिवारों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है, जिससे इनका जीवन खतरे में पड़ गया है।
देवनानी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश-प्रदेश में पाक से आए लाखों विस्थापित कठिनता से जीवनयापन कर रहे हैं, लेकिन नागरिकता मिलने के इंतजार में उन्हें कई सहूलियतें नहीं मिल पा रही हैं। इनके आधार कार्ड भी नहीं बन पाए हैं, जिससे यह लोग अनेक सुविधाओं से वंचित हैं। यही कारण है कि आधार कार्ड के अभाव में इनका टीकाकरण भी नहीं हो पा रहा है।

पाक के अत्याचारों से दुखी होकर आए भारत
उन्होंने कहा कि यह लोग पाकिस्तान में वहां की सरकार के अत्याचारों से परेशान होकर भारत आए हैं। ऐसे में केंद्र और प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इनकी सुध ले, ताकि यह परिवार टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर आदि सीमावर्ती जिलों में बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आए विस्थापित बड़े कठिन दौर से गुजर रहे हैं। दो समय की रोटी की व्यवस्था भी बड़ी मुश्किल से कर पाते हैं। ऐसे में यदि परिवार का एक भी सदस्य कोरोना की चपेट में आ गया, तो पूरे परिवार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।

वैकल्पिक व्यवस्था की जाए
देवनानी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य भारत को ’’कोरोनामुक्त-वैक्सीनयुक्त’’ बनाना है। टीकाकरण के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता होती है। लेकिन आधार कार्ड के अभाव में इन परिवारों का कहीं भी टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इन परिवारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे इन परिवारों के लोगों का भी टीकाकरण कर कोरोना महामारी से बचाया जा सके और यह लोग अपना सुरक्षित जीवन जी सकें। उन्होंने मांग की है कि सरकार इन विस्थापित हिंदू परिवारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत करे, जिससे इन परिवारों को भी कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।

कोरोना वाॅरियर्स की कैटेगरी में शिक्षकों को शामिल नहीं करना अन्यायपूर्ण-देवनानी
-एक साल से रात-दिन कोरोना वाॅरियर्स के रूप में काम रहे हैं शिक्षक
-इन शिक्षकों को भी प्रोफेशनल कैटेगरी में शामिल किया जाए
अजमेर, 10 मई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उŸार वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना वाॅरियर्स की घोषित 18 प्रोफेशनल कैटेगरी में शिक्षकों को शामिल नहीं करने को अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण बताया है।
उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने के बाद ही प्रदेशभर के करीब एक लाख से अधिक शिक्षक फ्र्रंटलाइन के कोरोना वाॅरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं। यह शिक्षक रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के अलावा कंटेनमेंट जोन और विभिन्न वार्डों में घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। इसके बावजूद इन शिक्षकों को प्रोफेशनल कैटेगरी में शामिल नहीं कर सरकार ने इनके साथ भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया है।
देवनानी ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित 18 कैटेगरी में शामिल प्रोफेशनल का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन किया जाएगा, लेकिन इसमें शिक्षक शामिल नहीं होने के कारण इस सुविधा का लाभ लेने से वंचित रहेंगे। जबकि हम कोरोना से जंग लड़ने में शिक्षकों की भूमिका को ना तो भुला सकते हैं और ना ही नजरअंदाज कर सकते हैं। देवनानी ने कहा, उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार ने शिक्षकों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह शिक्षकों और इनके परिवारों की सुरक्षा करना चाहती है या नहीं। उन्होंने मांग की है कि सरकार तुरंत इन शिक्षकों को प्रोफेशनल कैटेगरी में शामिल कर कोरोना वाॅरियर्स का दर्जा दे व इनका तुरंत टीकाकरण कराए, ताकि यह निश्चित होकर मनोयोग से अपने कत्र्तव्य का निर्वहन कर सकें।

रासासिंह रावत के निधन पर देवनानी ने जताया शोक
अजमेर, 10 मई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उŸार वासुदेव देवनानी ने पूर्व सांसद रासासिंह रावत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा ने एक कर्मठ और निष्ठावान नेता खो दिया है।
देवनानी ने कहा कि रावत के निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। यह उनका आमजन के प्रति लगाव ही था कि वे पांच बार अजमूेर से सांसद रहे। वे सादगी और सौम्यता की मिसाल थे। ऐसे नेता का चले जाना वाकई दुखद है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को असहनीय दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

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