अभी पूरे विश्व को व विशेषकर भारत को कोरोना की दूसरी लहर ने भयभीत कर रखा है हमने कुल जनसंख्या का 5% लोगों को भी अभी वैक्सीन नहीं लगाई है।
आश्चर्यजनक रूप से देश के 45 करोड़ 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं से केंद्र ने पल्ला झाड़ लिया है व उनकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी है । जबकि किसी भी महामारी के समय पिछले 70 साल में कांग्रेस या अन्य दलों की सरकारों के समय केंद्र ने ही पूरा भार वहन किया था । भारत एक संघीय ढांचे के तहत चलने वाला शासन है वह टैक्सों का ज्यादातर भाग केंद्र के पास जाता है ,उसमें से भी केंद्र ,राज्य सरकारों को उनको मिलने वाला पूरा हिस्सा समय पर नहीं देता।राजस्थान सहित राज्य सरकारों का भी अभी हजारों करोड रुपए केंद्र सरकार पर बकाया है । दुख की बात तो यह है 18- 45 साल के खेल में केंद्र बड़े ढंग से कोरोना बीमारी का व्यवसायीकरण कर रहा है व जिस भाव में वैक्सीन केंद्र को मिल रही है । राज्य को वही वैक्सीन दुगने रेट पर कैसे दी जा रही है व वही वैक्सीन निजी अस्पतालों/ बाजार में अन्य दर पर दी जा रही है ।और ज्यादा भाव पर भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है । वैक्सीन निर्माता सीधे केंद्र को वैक्सीन देने की बात करते हैं ।
आज जब आवश्यकता देश को कोरोना मुक्त करने की है उसी स्थिति में युवाओं को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के चलते मौत के मुंह में धकेलना ही माना जा सकता है ।जब देश में ही वैक्सीन की कमी थी तब अपनी छवि को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ने करोड़ों वैक्सीन दूसरे देशो को दे दी । देश को आज तक भी यह नहीं बताया गया कि वैक्सीन आविष्कार जब भारत में हुआ है वह वैक्सीन भारत में बन रही है तो उस वैज्ञानिक या अनुसंधान करके सफलता प्राप्त करने वाले का नाम क्या है व जब तक भारत में सभी के वैक्सीन नहीं लग जाती, उससे पहले इसका निर्यात क्यों ?
अमेरिका ने अपने यहां बनी वैक्सीन पर पहला अधिकार अमेरिकियों का बताते हुए उसका निर्यात नहीं होने दिया । तभी जाकर अमेरिका कोरोना मुक्त हो पाया है पर भारत सरकार को भारत भारत के नागरिकों की बड़ी ही नहीं है ऐसा प्रतीत होता है की वैक्सित बनाने वाली एजेंसियों पर भारत सरकार की कोई पकड़ नहीं है देव देव इस सब के पीछे जो गड़बड़ चल रही है उसका पता देश को लग ही जाएगा अधिक अच्छा है रहे कि केंद्र सरकार इसके ऊपर एक श्वेत पत्र खुद जारी करें।
अभी जब तीसरी लहर आने की बात चल रही है और यह कहा जा रहा है कि उसका असर बच्चों पर ज्यादा होगा तो करीब 25 करोड बच्चों की रक्षा के लिए उनकी वैक्सीन के लिए क्या व्यवस्था है इसको लेकर देश को विश्वास में नहीं लिया जा रहा महामारी से लड़ने के लिए कांग्रेसका ऐसा मानना है की राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए लेकिन जो जो भी सुझाव समय-समय पर श्री राहुल गांधी ने दिए और उन्हें सरकार ने नकारा वही समस्या है देखने को मिली
अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान उपाध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद प्रताप सिंह यादव और उपाध्यक्ष कैलाश झलिवाल ने पर अब अपने विचार रखते हुए 45 करोड़ युवाओं एवं 25 करोड़ बच्चे जो देश का भविष्य है के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा कि केंद्र सरकार पर लगाया।
अजमेर शहर कांग्रेस एस.सी. विभाग के उपाध्यक्ष सौरभ यादव ने बताया की अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी की निवर्तमान सचिव वह पूर्व पार्षद श्रीमती तारा देवी यादव सचिव सुरेश कुमार लद्दड अनुसूचित जाति विभाग के उपाध्यक्ष सौरभ यादव अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव अली अकबर घोसी, सचिन पायलट यूथ विज्ञान के प्रदेश अध्यक्ष धर्मा राम गुर्जर अजमेर शहर जिला महिला कांग्रेस कि नहीं वर्तमान उपाध्यक्ष मीना मीनाक्षी यादव समसुद्दीन पीयूष सुराणा प्रेम सिंह गौड़ अहमद हुसैन नमन जैन आदि ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह 45 करोड़ युवाओं के प्रति गंभीर रूप अपना वे वह अपने स्तर पर वैक्सीन खरीद कर राज्य सरकारों को उपलब्ध करावे ताकि इन सबके भी वैक्सीन लग सके वह बहुत ही आवश्यक समझे तो राज्य सरकारों की राशि में इनका मूल्य समायोजित कर ले लेकिन अपनी जिम्मेदारी को राज्य सरकार पर डालकर 45 करोड़ युवा वह 25 करोड़ बच्चों को मौत की और नहीं अकेले जुआ वह बच्चे इस देश का भविष्य है जब इन्होंने आपको सरकार में बिठाया है तो हटा भी यही देंगे
● सौरभ यादव
निवर्तमान उपाध्यक्ष: अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी (एस.सी. विभाग)