-कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह के बयानों से तो यही जाहिर होता है
-सोनिया गांधी व राहुल गांधी कांग्रेस का रूख स्पष्ट करें

देवनानी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि पहले भी दिग्विजयसिंह आतंकवादियों, नक्सलवादियों और पाकिस्तान के समर्थन में कई बार बयान दे चुके हैं। इस तरह के बयानों से यह जाहिर होता है कि कांग्रेस के आला नेता जो बात अपने मुंह से नहीं कह सकते हैं, वह दिग्विजयसिंह से कहलवाते हैं। इससे यह भी साबित होता है कि कांग्रेस ने हमेशा से फिरकापस्तों, आतंकवादियों और राष्ट्र का विरोध करने वालों का साथ दिया है और आगे भी उसकी यही नीति रहने वाली है। यदि कांग्रेस दिग्विजयसिंह के बयानों से इत्तेफाक नहीं रखती है, तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस पर कांग्रेस का रूख स्पष्ट करना चाहिए। सोनिया गांधी और राहुल गांधी की चुप्पी इस बात को इंगित करती है कि वे दिग्विजयसिंह के बयान से सहमत हैं।
देवनानी ने कहा कि देश की आकांक्षाओं और इच्छाओं को ध्यान में रखकर धारा 370 हटाई गई थी। जम्मू-कश्मीर देश की अस्मिता से जुड़ा मसला है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा, लेकिन पाकिस्तान ने बेवजह इसे मुद्दा बना रखा है। कश्मीर समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठाने के लिए ही धारा 370 हटाने का प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था। इसके बावजूद धारा 370 को फिर से लागू करने की बात कहने का मतलब देश विरोधी ताकतों को बल देना है।