भाजपा नेता मोदी सरकार के कारनामों पर पर्दा डालने के लिए पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि का दोष राज्य सरकार को दे रहे हैं- शैलेन्द्र अग्रवाल*
पेट्रोल और डीजल के दाम आज जितने बढ़े हुए हैं, पहले कभी नहीं बढ़े। वे जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, यदि उसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो देश की कारें, बसें, ट्रेक्टर, रेलें आदि खड़े-खड़े जंग खाने लगेंगी। देश की अर्थ-व्यवस्था चौपट हो जाएगी। मंहगाई आसमान छूने लगेगी। इस समय देश के लगभग छह राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रु से ऊपर पहुंच गई है। पिछले सवा महिने में पेट्रोल डीजल की कीमतों में 22 बार बढ़ोतरी हो चुकी है। उसकी कीमत को बूंद-बूंद करके बढ़ाया जाता है। दूसरे शब्दों में चांटा मारने की बजाय चपत लगाई जाती है। पेट्रोल की कीमतें एक साल में लगभग 35 प्रतिशत और डीजल की 25 प्रतिशत बढ़ चुकी है। आज के युग में पेट्रोल और डीज़ल के बिना आवागमन और यातायात की कल्पना नहीं की जा सकती। भारत के एक कोने में पैदा होनेवाले माल दूसरे कोने में बिकता है याने उसे दो से तीन हजार किलोमीटर तक सफर करना पड़ता है। अब तो हाल यह होगा कि किसी चीज की मूल कीमत से ज्यादा कीमत उसके परिवहन की हो जाया करेगी। दूसरे शब्दों में मंहगाई आसमन छूने लगेगी। शैलेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि मनमोहनसिंह जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पेट्रोल पर लगभग 9.50 रु. प्रति लीटर कर वसूलती थी, जो मोदी जी के राज में बढ़कर 33 रु. हो गया है। इसी तरह डीजल पर उस समय 3.50 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी थी जो अब 32 रुपये प्रति लीटर हो गयी है। केन्द्र सरकार स्पेशल एक्साइज ड्यूटी व एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगातार बढाकर अपनी जेब भर रही है। केन्द्र सरकार ने इस साल पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के तौर पर 2.74 लाख करोड़ रु. वसूले हैं। अग्रवाल ने कहा कि आज से सात-आठ साल पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत प्रति बेरल 110 डॉलर थी उस समय पेट्रोल लगभग 70 रुपये था जबकि आज वह सिर्फ 70 डाॅलर प्रति बैरल है इसके बावजूद पेट्रोल 103 रुपये व डीजल 96 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इन आसमान छूती कीमतों ने पेट्रोल और डीजल को भारत में जनता का सिरदर्द बना दिया है। सरकार जरा संवेदनशील होती तो अपनी फिजूलखर्ची में जबर्दस्त कमी करती और पेट्रोल पहले से भी ज्यादा सस्ता कर देती ताकि लड़खड़ाती अर्थ-व्यवस्था दौड़ने लगती।
शैलेन्द्र अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि सत्ता में आने के बाद केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर लगभग साढ़े तीन गुना और डीजल पर लगभग नौ गुना एक्साईज ड्यूटी बढ़ाई है तथा आये दिन पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है इसी वजह से आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही है जबकि भाजपा नेता पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए राज्य सरकार को दोषी बताकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि भाजपा शासित मध्यप्रदेश में भी पेट्रोल पर 33% वैट है।