अजमेर नगर निगम में खुली बोली से निकाले टेंडर को उसे निरस्त करने की मांग

अजमेर कांग्रेस के नेता व मानव अधिकार परिषद के अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री ,स्वायत्त शासन मंत्री, संभागीय आयुक्त, जिलाधीश व नगर निगम आयुक्त को सोशल मीडिया व मेल के द्वारा 16 जून बुधवार को अजमेर नगर निगम में खुली बोली से जो टेंडर निकाला गया था उसे निरस्त करने की मांग की है।
कांग्रेस नेता शैलेश गुप्ता ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि निगम में अधिकारियों के द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार की शिकायतें आये दिन समाचार पत्रों में वह सोशल मीडिया पर आ रही है। इसी कड़ी के तहत 16 जून को अजमेर नगर निगम सीमा में जितने भी खाद्य सामग्री एवं अन्य दुकानें हैं उनके नवीनीकरण के लाइसेंस के लिए टेंडर प्रक्रिया। जारी की गई थी। 4300000 रुपए सरकारी बोली से प्रारंभ होना था, परंतु दुर्भाग्य की बात है कि आला अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच ऐसी सांठगांठ हुई कि जो टेंडर 2:00 बजे खुलने वाले था वह लगभग 2.30 2.45 प्रारंभ हुआ। और जो भी आए उन लोगों ने आपस में पुल बनाकर। मात्र 4305000 रुपए में ही यह ठेका अपने चहेतो को आवंटित करा दिया गया।
शैलेश गुप्ता ने कहा कि आयुक्त अभी छुट्टी पर चल रहे हैं इस इतने बड़े ठेके आवंटन की बोली उपायुक्त भी शामिल नहीं हुए। ऐसे में ऐसा प्रतीत होता है कि कुलड़ी में गुड़ फोड़ के अपने अपने चहेतों को यह कार्य आदेश दिला दिए गए हैं।
शैलेश गुप्ता ने कहा कि पूर्व में भी। एक टेंडर गुपचुप तरीके से निकाला था जिसमें तगारी,गेती, फावड़े आदि खरीदने का जो टेंडर था, वह भी गुपचुप तरीके से ही अपने आदमियों को दे दिया गया। शैलेश गुप्ता ने कहा कि जो भी नगर निगम के अंदर टेंडर निकले वह सार्वजनिक मीडिया के सामने निकले ऐसे कमरे में निकले जहां पर कैमरे लगे हुए हो जबकि नगर निगम में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं कैसे पारदर्शिता रहेगी गुप्ता ने कहा कि इस पूरे टेंडर प्रक्रिया की जांच की जाए और इसे तुरंत निरस्त किया जाए।

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