सकल श्वेताम्बर जैन समाज, अजमेर एवं अजमेर व्यापारिक महासंघ अजमेर ने की
आनासागर झील के अस्तित्व को बचाने की मांग
प्रेस विज्ञप्ति
अजमेर शहर की हृदय स्थली आनासागर झील में मिट्टी डालकर उसकी भराव क्षमता को घटा कर उस पर पाथ वे बनाया जा रहा है। आनासागर झील अजमेर के बीचों-बीच एक प्राकृतिक झील है जिस कारण इससे शहर की सुन्दरता में चार-चाँद लगते है। बिना अतिक्रमण हटाये यदि पाथ-वे का निर्माण किया जाता है तो इससे झील का भराव कम होने पर उसके आस-पास की कॉलोनियों में पानी भराव की समस्या विकराल रूप ले लेगी।
यदि पाथ-वे का निर्माण करना है तो पहले उसके चारों तरफ जो अतिक्रमण हो रखे है उन्हें हटाया जाना चाहिये उसके बाद पाथ-वे का निर्माण करवाया जाना चाहिये ताकि झील के मूल स्वरूप एवं भराव क्षमता में कोई परिवर्तन नहीं हो, और आस-पास की आवासीय कॉलोनीयों में भी इसका कोई दुष्प्रभाव ना हो।
महावीर कॉलोनी, नवग्रह कॉलोनी, अरिहन्त कॉलोनी आदि सभी में इसकी वजह से जल भराव होना निश्चित है। इन सभी कॉलोनियों में जैन समाज के बहुतायत निवास है।
पहले आनासागर झील की भराव क्षमता 16 फीट थी तब इन कॉलोनियों में बिल्कुल जल भराव की परेशानी नहीं थी, परन्तु जबसे इसकी भराव क्षमता 16 फीट से घटाकर 13 फीट की गयी है, इन कॉलोनियों के कुछ भाग में जल भराव की परेशानी हो गयी है, और यदि अब इसकी भराव क्षमता और कम की गयी तो यह समस्या इन कॉलोनियों में विकराल रूप ले लेगी, जिसे बाद में हल करना शायद संभव ना हो। अत: इसके लिये पहले ही संभलना आवश्यक है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिये, जिससे झील की सुंदरता भी बनी रहे एवं आस-पास बसी आवासीय कॉलोनियों को भी कोई परेशानी ना हो।
अत: सकल श्वेताम्बर जैन समाज, अजमेर प्रशासन से मांग करता है कि तुरन्त प्रभाव से इन कॉलोनियों के यहां झील में भरी गयी मिट्टी को हटाया जायें, ताकि आने वाले मानूसन में इन कॉलोनियों को जल भराव एवं उससे होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके।
अजमेर शहर व्यापार महासंघ के पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक आनासागर के भराव के क्षमता के साथ की रही छेड़छाड़ को लेकर महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता के आवास पर रखी गई। महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता व पूर्व यूआईटी अध्यक्ष धर्मेश जैन ने बताया कि आयोजित बैठक में सभी पदाधिकारियों ने अजमेर की आन-बान-शान और अजमेर की पहचान को भूमाफियाओं द्वारा झील की भराव क्षमता को कम करके और उस पर कब्ज़ा करने के कृत्य की घोर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से अजमेर की ऐतिहासिक झील के अस्तित्व को बचाने की मांग करते हुए उक्त भूमाफियाओं के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की मांग की है। महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता और पूर्व यूआईटी अध्यक्ष धर्मेश जैन ने बताया कि राष्ट्रिय व अंतराष्ट्रीय पर्यटक जो कि अजमेर भ्रमण पर आते हैं और जब वे ऐतिहासिक झील को निहारते हैं तब वे यहाँ से एक अच्छा सन्देश ले जाकर अजमेर के गौरव को बढ़ाते हैं जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और अजमेर की जनता को व्यावसायिक दृस्टि से लाभ भी होता है जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। आनासागर झील का अस्तित्व मुग़ल काल से ही बरकऱार है और उक्त झील भारतीय पुरातत्व एवं संरक्षण विभाग के अंतर्गत आती है इस कारण से भी उक्त झील की अत्यधिक महत्ता है और बिना पुरातत्व विभाग की अनुमति के उक्त झील में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। अगर प्रशासन का झील के प्रति उदासीन रवैया रहा तो वे दिन दूर नहीं है जब आनासागर में बसें और दुपहिया वाहन सरपट दौड़ेंगे और झील में अवैध कॉलोनियां और भूमाफियाओं की बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी हो जाएँगी जिससे उक्त झील विलुप्त हो जाएगी और अजमेर की जनता इस रमणीय स्थल से महरूम हो जाएगी। महासंघ के पदाधिकारियों ने एक स्वर में आनासागर झील के अस्तित्व को बचाये रखने की मांग की है। इस मिटिंग में अजमेर नगर निगम की महापौर हाड़ा भी उपस्थित थी, उन्होंने भी महासंघ की मांग को अपना समर्थन दिया। मांग करने वालों में भगवान चंदीराम, किशन गुप्ता, धर्मेश जैन, अशोक बिंदल, नरेंद्र सिंह छाबड़ा, प्रवीण जैन, सीए विकास अग्रवाल, कमल गंगवाल, शैलेश गुप्ता, हेमंत जैन, विवेक जैन, गिरीश लालवानी, सुरेश चारभुजा, अशोक छाजेड़, राजकुमार गर्ग, जय गोयल, सम्पत कोठरी, दिलीप टोपीवाला, शैलेन्द्र अग्रवाल, राकेश डीडवानिया, बालेश गोहिल, पुष्पेंद्र पहाडिय़ा, राजीव जैन निराला आदि संयुक्त रूप से शामिल हैं।