-सुंदरसिंह भंडारी स्मृति दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में देवनानी ने कहा, राजनेतओं को चुनावी लाभ से आगे बढ़कर देश हित देखना व सोचना चाहिए
देवनानी ने मंगलवार लक्ष्मीनयन समारोह स्थल में शहर भाजपा की ओर से स्व. सुंदरसिंह भंडारी के स्मृति दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भंडारी ने अपना संपूर्ण जीवन मूल्यों पर आधारित जिया। राजनीति में रहते हुए भी उनका जीवन आदर्श रहा, जो हम सबके लिए प्रेरणादायी है। भंडारी के जीवन में सादगी, वैचारिक स्पष्टता, स्पष्टवादिता, सरलता, सहनशीलता और मितव्ययिता थी। वे एक कुशल प्रशासक और शिल्पकार भी थे, जो अच्छे कार्यकर्ताओं को तराश कर पार्टी के लिए लगाते थे।
देवनानी ने कहा, अरस्तू ने मूल्य आधारित राजनीति के बारे में बताया था कि किसी देश की सत्ता गिने-चुने उन लोगों के हाथों में होनी चाहिए, जो ज्ञानवान, परोपकारी हो और दलगत राजनीति से परे हो। किसी प्रकार के वैवाहिक बंधन में बंधे हुए नहीं हों, अकूत सम्पदा नहीं हो और लोक कल्याण के प्रति समर्पित हो। आज इन सब पर प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह खरे उतरे हैं और उनके नेतृत्व में देश उत्तरोतर तरक्की कर रहा है। भारत राष्ट्रों का समूह नहीं है और ना ही नवोदित राष्ट्र है, बल्कि भारत सनातन राष्ट्र है। हमारे देश में हिमालय से कन्याकुमारी तक नैतिक मूल्य हैं।
राजनीति केवल स्वार्थपूर्ति का खेल
उन्होंने कहा कि नियमों और मूल्यों के निर्धारण के बिना राजनीति केवल स्वार्थपूर्ति का खेल है। यही कारण है कि भाजपा अपने पूर्वज नेताओं के सिद्धांतों पर चलते हुए मूल्य आधारित राजनीति के प्रति प्रतिबद्ध है। जनसंघ का गठन ही मूल्यों पर आधारित है। श्यामाप्रसाद मुखर्जी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कश्मीर नीतियों से खुश नहीं थे। यही कारण है कि मुखर्जी कश्मीर नीतियों से असहमति जताते हुए मंत्री को ठोकर मारकर सत्ता से बाहर आ गए और जनसंघ की स्थापना की। इसका एकात्म मानववाद, मूलदर्शन, शरीर, मन, बुद्धि व आत्मा का समग्र विचार ही हमारी पार्टी की धरोहर है।
नैतिकता के संकट से जूझ रहा है देश
देवनानी ने कहा कि आज देश का मूल संकट नैतिक संकट है। राजनीति विशुद्ध रूप से ताकत का खेल बन गई है। देश नैतिक ताकत के लुप्तिकरण से जूझ रहा है। देश की आजादी के समय नैतिकता थी और उस समय लाल बहादुर शास्त्री, प्रकाशवीर शास्त्री, गोविंद सेठ, महावीर त्यागी, राममनोहर लोहिया, जाॅर्ज फर्नांडीज जैसे नेता न केवल नैतिक मूल्यों के समर्थक थे, बल्कि खुद भी नैतिक मूल्यों का पालन करते थे। जब लाल बहादुर शास्त्री रेलमंत्री थे, तो एक रेल दुर्घटना होने पर उन्होंने इसे अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए इस्तीफा दे दिया थ। लेकिन इसके विपरीत इंदिरा गांधी सत्ता लोलुपता से ग्रस्त रही और इसी कारण वर्ष 1975 में उन्होंने इमरजेंसी लगाई थी। इसका जवाब जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर करके दिया था। नैतिकता क्या होती है, यह पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने साबित किया था, जब सदन में बहुमत प्रस्ताव पर एक वोट से हारने पर तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी प्रकार पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी ने हवाला कांड में नाम आते ही इस्तीफा दे दिया था और अदालत से निर्दोष साबित होने के बाद ही चुनाव लड़ा। जबकि कांग्रेस के नेता सत्ता के पीछे भागते हैं और घोटालों में घिरने के बाद भी पद नहीं छोड़ते हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाती है, कांग्रेस परिवार को
देवनानी ने कहा कि जहां भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाती है। चाहे प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष का, नए चेहरे को मौका देती है। जबकि कांग्रेस की कमान केवल दो लोगों के हाथों में ही रहती है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी किसी अन्य नेता को आगे नहीं आने देना चाहते हैं। यदि कोई आगे बढ़ने की कोशिश करता है, तो साइड कर देते हैं। जब-जब कांग्रेस सत्ता में रही, तब-तब देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार, जातिवाद बढ़ा और अफसरशाही हावी रही कांग्रेस ने हमेशा जोड़-तोड़ से सरकार बनाई और प्रलोभन के दम पर राज किया। देवनानी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे स्व. भंडारी के आदर्शों को अपनाकर पार्टी को आगे बढ़ाएं। भले ही भाजपा सत्ता में रहे या नहीं, लेकिन नैतिकता और अपने नेताओं के आदर्शों को कभी नहीं छोड़ेगी। अपने पूर्वज नेताओं के आदर्शों पर चलकर आज भाजपा पूरे देश में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, जबकि कांग्रेस कुछ ही राज्यों में सिमट कर रह गई है। अगले चुनावों में इन राज्यों से भी कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चार्टड अकाउन्टेट एसोसियन के अध्यक्ष तथा लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष डाॅ0 अजीत अग्रवाल ने जीवन के मूल्यों स्थापित करने तथा भगवान राम व रामायण काल के उदाहरण भी दिये । इस कार्यक्रम के समापन पर सभी आगुन्तको का धन्यवाद जिला महामन्त्री श्री रमेश सोनी ने किया। इस कार्यक्रम संचालन शहर उपाध्यक्ष श्री आनन्द सिंह राजावत ने किया ।