किशनगढ़! किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश टाक ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्व मंडल राजस्थान के विखंडन नहीं करने की मांग की है। विधायक टांक ने वक्तव्य जारी कर बताया कि राजस्व मंडल राजस्थान की स्थापना राव कमीशन की सिफारिशों के अनुरूप 1 नवंबर 1959 में की गई थी राव कमिशन की रिपोर्ट के आधार पर अजमेर का राजनीतिक महत्तता अस्मिता एवं वर्चस्व बनाए रखने के लिए अजमेर को राजस्थान राजस्व मंडल,राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान लोक सेवा आयोग, आयुर्वेद निदेशालय, राजस्थान बिक्री कर प्राधिकरण,महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग आयुर्वेद निदेशालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मुख्यालय दिए गए थे।
उन्होंने बताया कि समाचार पत्रों के अनुसार राजस्व मंडल राजस्थान अजमेर के विखंडन एवं विकेंद्रीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं जिसके तहत जयपुर में राजस्व आयुक्तालय बनाकर राजस्व मंडल की प्रशासनिक शक्तियां छीनी जा सकती हैं। अभी न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियां राजस्व मंडल के पास ही है। जिला कलेक्टरों सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर बहुत-कुछ नियंत्रण राजस्व मंडल का होता है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग से चयनित तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को पोस्टिंग देने और उनके तबादले करने का काम राजस्व मंडल ही करता है। लेकिन राजस्व आयुक्तालय बनने से सभी प्रशासनिक शक्तियां उसके पास चली जाएंगी। ऐसे में राजस्व मंडल केवल राजस्व संबंधी मामलों की सुनवाई का कोर्ट बनकर रह जाएगा।
विधायक टांक ने मुख्यमंत्री महोदय श्री अशोक जी गहलोत को पत्र लिखकर राजस्व मंडल राजस्थान के मूल स्वरूप को कायम रखने की मांग करते हुए लिखा कि राजस्व मंडल राजस्थान के विखंडन एवं विकेंद्रीकरण अजमेर के हितों के विपरीत रहेगा एवं अजमेर की महत्ता एवं वर्चस्व में भी कमी आएगी, विधायक ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह किया कि वह इस संबंध में संज्ञान लेकर राजस्व मंडल अजमेर का विखंडन नही करने के संबंध में कार्यवाही कराकर अजमेर जिले को कृतार्थ करे।