-देवनानी ने कलेक्टर को लिखा पत्र, जिला प्रशासन व एजेंसियों को पाबंद करने की मांग
-बरसात में सड़कों पर बने गड्ढे पानी से भरे होने के कारण नजर नहीं आते
-आए दिन अनेक लोग होते हैं दुर्घटना के शिकार, घटिया पेचवर्क, एक-दो बरसात में ही उखड़े
देवनानी ने पत्र में कहा है कि इन दिनों पूरे शहर में सड़कों की हालत बहुत ज्यादा खस्ता बनी हुई है। जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं। इन्हें यह देखकर यह पता नहीं लगता है कि गड्ढों में सड़कें हैं या सड़कों पर गड्ढे हैं। अब चूंकि बरसात का दौर शुरू हो गया है, इसलिए गड्ढों में आए दिन पानी भरने से सड़कों पर वाहन चालकों को उनका आभास तक नहीं हो पाता है। नतीजतन, अनेक वाहन चालक और राहगीर गड्ढों में गिरकर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। पिछले दिनों हुई बरसात में ऐसी अनेक घटनाएं हो चुकी हैं। किसी के हाथ में फ्रेक्चर हो गया, तो किसी के पैर में, किसी के स्लिप डिस्क हो गई, तो किसी की रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया।
धीमी गति से चल रहा है एलिवेटेड रोड व सीवरेज का काम
उन्होंने कहा है कि कचहरी रोड पर गांधी भवन से लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग की पुरानी बिल्डिंग तक, स्टेशन रोड पर मार्टिंडल ब्रिज से लेकर गांधी भवन चैराहे तक और पृथ्वीराज मार्ग पर गांधी भवन चैराहे से लेकर सोनीजी की नसियां तक सड़कों की हालत बहुत ज्यादा बुरी है। एलिवेटेड रोड के पिलर डालने के लिए सड़कें खोदी गईं, लेकिन उनकी मरम्मत नहीं हो पाने से यह तीनों मार्ग कच्चे रास्ते और पगडंडी बनकर रह गए हैं। इन तीनों मार्गों पर यातायात का भारी दबाव रहता है और लोगों की आवाजाही भी दिनभर बनी रहती है। इनके अलावा पुष्कर रोड पर सीवरेज लाइन डालने के साथ सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है, जिससे पूरा मार्ग क्षतिग्रस्त है। शास्त्री नगर में भी सीवरेज लाइन डाली जा रही है, जिससे जगह-जगह पर गड्ढे पड़े हुए हैं। गुलाबबाड़ी में रेलवे ओवरब्रिज का काम धीमी गति से चल रहा है, जिससे राजा साइकिल चैराहे से लेकर नाका मदार डबल रेलवे फाटक तक सड़क बेहाल है। वैशाली नगर में भी सीवर लाइन डालने और रोड का चैड़ा करने का काम चल रहा है, लेकिन पूरी सड़क खोद देने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। लोहागल रोड, दिल्ली गेट, मेडिकल काॅलेज चैराहा, सिविल लाइन, ब्यावर रोड, नसीराबाद रोड, क्रिश्चियन गंज, रेम्बुल रोड के अलावा शहर के अनेक अंदरूनी हिस्सों में सड़कों की हालत खराब है।
पहली बरसात में ही बिखर गए पेचवर्क
देवनानी ने पत्र में कहा है कि हालांकि कुछ सड़कों पर पेचवर्क का काम शुरू हुआ है। लेकिन यह काम इतना ज्यादा घटिया है कि जहां पेचवर्क हो चुके हैं, वहां पिछले दिनों आई बरसात में सारे पेचवर्क उखड़कर फिर वही स्थिति बन गई है। इससे पेचवर्क कराना और नहीं कराना बराबर हो गया है। यदि यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में बरसात में शहर की स्थिति और ज्यादा विकट हो जाएगी, क्योंकि पानी से भरे हुए गड्ढे नहीं दिखेंगे, जिससे आए दिन बड़ी संख्या में लोग दुर्घटना के शिकार होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अजमेर शहर की इस स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द सड़कों को सुधरवाने का काम शुरू कराने की मांग की है।
अजमेर में बिजली-पानी की समस्या के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार, 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने में विफल-देवनानी
-अब तो सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता ही स्वीकार करने लगे हैं, बिजली-पानी की समस्या को
-रखरखाव के नाम पर घंटों बंद रहती है बिजली, बिना सूचना कर दी जाती है कटौती
-अनेक क्षेत्रों में 72 से 96 घंटे के अंतराल से किया जा रहा है पानी सप्लाई
अजमेर, 29 जून। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया है कि अजमेर शहर में पानी और बिजली की समस्या के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। सरकार ने 24 घंटे मेें पेयजल उपलब्ध कराने का वादा किया था, जिसे पूरा करने में वह पूरी तरह विफल रही है।
उन्होंने मंगलवार को जारी बयान में कहा, कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता डाॅ. श्रीगोपाल बाहेती ने कलेक्टर को लिखे पत्र में यह स्वीकार किया है कि गर्मी के मौसम में पानी-बिजली की खपत बढ़ती है, लेकिन पेयजल आपूर्ति की अनियमितता व कमी से जनता त्रस्त है। बीसलपुर में पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद अजमेर की जनता तरस रही है। देवनानी ने कहा कि जब अधिकारी सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के नेताओं की नहीं सुन रहे हैं, तो विपक्षी दलों और जनप्रतिनिधियों की कब सुनने वाले हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता केवल बयानबाजी करने की बजाय अपनी सरकार को हकीकत से अवगत कराएं। सरकार को ऐसे अधिकारियों पर तुरंत लगाम कसनी होगी, तब ही अजमेर को बिजली-पानी की समस्या से निजात मिल सकती है।
देवनानी ने सवाल उठाया है कि जब बीसलपुर में पर्याप्त पानी है, तो अजमेर की जनता को क्यों तरसाया जा रहा है। गर्मी में बिजली-पानी की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में बिजली बार-बार जाने, बिना सूचना दिए कटौती करने, रखरखाव के नाम पर आए दिन आठ-दस घंटे बिजली बंद रखने से गर्मी में लोग बेहाल हो जाते हैं। यही नहीं, अनेक क्षेत्रों में 72 से 96 घंटे के अंतराल से पानी सप्लाई किया जा रहा है। यह सप्लाई भी इतने कम प्रेशर से होती है कि लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पाता है।