राम नाम की महिमा न्यारी, पत्थर भी तर जाता है..

अजमेर 04 अगस्त। राष्ट्रीय कवि संगम अजमेर जिले की श्रीराम काव्यपाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता की श्रंखला में पाँच प्रतिभागियों ने भगवान राम पर आधारित कविताओं का वाचन किया। शुभारंभ माँ सरस्वती को नमन करते हुए सप्तक संस्था के अतिथि कलाकार श्रीमती सपना जैन ने ‘‘श्रीराम हो तुम, रघुनाथ हो तुम, आदर्श हो इस धरती पर…’’ मधुर गीत के साथ किया। भव्यार्थ एवं देवार्थ बाल कलाकारों ने ‘‘हम कथा सुनाते है, श्रीराम की…’’ शानदार प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोह लिया।
संयोजक डॉ. रजनीश चारण जानकारी देते हुए बताया कि श्री राम की महिमा, उदारता, शक्ति और शील सौंदर्य का वर्णन कवि, रचनाकार द्वारा लिखित कविताओं को प्रस्तुत करते हुए सर्वप्रथम विदुषी सरिता माथुर ने राधे जी चेतन की कविता ‘‘मात-पिता की आज्ञा तो एक बहाना था, मातृ भूमि की रक्षा करने प्रभु को वन में जाना था…… श्रीमती शोभा जादोन ने भगवान का राम का अभिनंदन करते हुए ‘‘राम नाम की महिमा न्यारी, पत्थर भी तर जाता है…’’ उम्मेद सिंह तोमर ने कन्हैयालाल जी मधुकर की रचना द्वारा बताया गया कि देवता भी मनुष्य जीवन पाना चाहते है, राम गुण गा, देव दुर्लभ..’’ देवांश चौरसिया ने प्रजा ऐसी राम की, बात यह अभिभान की, किशनगढ़ के राहुल मालाकार ने मानवता की खुली आँख के सबसे संुदर सपने है राम…’’ की सुरीले एवं भावपूर्ण प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को राममय कर दिया।

संस्था के जिला संयोजक एवं संस्कृत के विद्वान श्री हिम्मत सिंह चौहान ने प्रतिभागियों व निर्णायकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जब भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त कर जब आयोध्या लौटने के लिए कहा तो उनके भक्तों ने कहा यही बस जाते है, तब भगवान श्री राम ने कहा यद्यपि यह लंका सोने की है किन्तु जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है, अपने घर की और चलो इसी संदेश को हमे प्रदान किया एवं और प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता से जोड़ने के लिए प्रेरित किया।

प्रतियोगिता में निर्णायक इंजीरिग कॉलेज की व्याख्याता एवं साहित्यकार डॉ. दीपिका शर्मा एवं सुप्रसिद्ध साहित्याकार व रचनाकार श्री गोपाल जी गर्ग थे। डॉ. दीपिका शर्मा ने अपने भाव व्यक्त करते हुए यह कहा कि इस कार्यक्रम में उनका मन भाव विभोर हो गया साथ ही उन्होनें कहा कि महारणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी एवं भगवान राम जन-जन के नायक है, महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाईसा ने महाराणा प्रताप को कठोर तन, कोमल मन, विनम्रता और नारी सम्मान की शिक्षा की प्रेरणा दी। वही साहित्याकार गोपाल जी गर्ग ने तुलसीदास की कवितावली की कुछ प्रेरणादायक पंक्तियों का पठन किया।

प्रतियोगिता का संचालन महामंत्री नरेन्द्र कुमार भारद्वाज ने सभी निर्णायकगणों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रतियोगिता की पूर्ण जानकारी दी व इसका प्रसारण यू-ट्यूब व फेसबुक के ऑन लाईन पॉर्टल पर किया गया।

अध्यक्ष ललित कुमार शर्मा ने बताया कि जनता के मन में राम के प्रति श्रंद्धा के भाव जाग्रत हो रहे है इसी कड़ी में 05 अगस्त को दोपहर 2ः00 बजे से अन्य प्रतिभागियों को जोड़कर ऑन लाईन प्रतियोगिता आयोजित की जाऐगी। संस्था द्वारा अभी भी कविता में रूचि रखने वाले काव्य प्रतियोगिता में अधिक से अपना नाम, आयु, एक पासपोर्ट आकार का नवीन फोटो, घर का पता, मोबाइल और व्हाट्सएप का नम्बर संयोजक 9214435610, 9828067253, 9829083650, 9413719090 को दी जा सकती है। जिसमें किसी भी प्रकार की आयु सीमा का बंधन नहीं है। जिले भर से प्रतिभागी भाग लेने के लिए उत्सुक है।

श्री चारण ने सभी प्रतिभागियों से अपनी प्रविष्टि सुनिश्चित कराने का निवेदन किया है। यह प्रतियोगिता जिला, प्रांत व राष्ट्रीय स्तर पर चरणबद्ध प्रतियोगिता में विजेताओं को नगद पुरस्कार दिये जाऐगें व सभी प्रतिभागियों को ऑन लाईन प्रमाण पत्र देने की भी संस्था द्वारा प्रावधान किया गया है

कंवल प्रकाश किशनानी
मो. 9829070059

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