दहेज लोभियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश

केकड़ी 11 सितंबर(पवन राठी)अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 केकड़ी ने दहेज लोभी वीरेंद्र कुमार पुत्र राम लाल रामलाल पुत्र छितर संतोष पत्नी रामलाल निवासी ग्राम बघेरा के विरुद्ध IPC की धारा 498 A -406-323 एवम दहेज प्रतिषेधः अधिनियम की धारा 4 व 6 में मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश भिनाय पुलिस थाने को दिए है।
प्रकरण के तथ्य इस प्रकार से है:-
परिवादिया सींमा पत्नी वीरेंद्र कुमार निवासी बघेरा हाल निवासी बड़लाखेड़ा तहसील व थाना भिनाय ने न्यायालय में परिवाद पेश कर बताया कि उसका विवाह वीरेंद्र के साथ 15 वर्ष पूर्व हुवा था बालिग होने पर मुकलावा किया गया और वह ससुराल आने जाने लगी दाम्पत्य जीवन का निर्वाह करने लगी कोई संतान नही हुई।विवाह के समय मेरे पिता ने स्त्रीधन के रूप में गहने नगदी कपड़े इत्यादि दिए थे।
विवाह के बाद से ही सभी आरोपियों द्वारा तीन लाख रुपयों की दहेज के रूप में मांग की गई।इसके लिए पति आये दिन शराब पीकर मारपीट करता लेकिन लोक लाज और परिवार की इज्जत व सब कुछ ठीक हो जाने की आशा के कारण परिवादिया आरोपियों के अत्याचार सहन करती रही।इनके अत्याचार निरंतर चालू रहे और आये दिन परिवादिया को घर से ताने मार मार कर बाहर निकाल देते थे।इससे परेशान होकर परिवादिया का भाई जीवराज भुआ का बेटा रामदयाल व कालूराम ने समझाइश की फिर भी ये नही माने और तीन लाख रुपये देने के बाद ही घर मे रखने की शर्त पर अड़ गए।इसके बाद अक्टूबर 2020 में बड़ी मुश्किल से एक लाख रुपयों का इंतजाम करके इन लोगों को दिए उसके बाद भी इन लोगो के व्यवहार में कोई परिवर्तन नही आया।
23 अगस्त 2021 को अभियुक्तगणों द्वारा पुरानी मांग को दोहराते हुए दो लाख रुपयों की मांग की गई।इस पर परिवादिया द्वारा अपने पिता की गरीबी की दुहाई दी तो परिवादिया को छत से धक्का देकर नीचे गिरा दिया जिससे सिर में व शरीर मे अनेक गंभीर चोटे आई।इसकी जानकारी पड़ोसियों द्वारा पिता व भाई को देने पर उन्होंने मोके पर पंहुच कर मुझे केकड़ी के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया और इलाज करवाया तब से ही परिवादिया अपने पिता के पास ही रह रही है।
29 अगस्त 2021 को अभियुक्तगण एक राय होकर परिवादिया के पीहर पंहुचे एवम कहा कि यदि दहेज की मांग पूरी नही की तो हम वीरेंद्र का दूसरा विवाह कर देंगे। स्त्रीधन मांगने पर मना कर दिया और गाली गलौच की।
संपूर्ण घटनाओं की रिपोर्ट परिवादिया द्वारा 29 अगस्त को पुलिस थाना भिनाय में पेश करने एवम 2 सितंबर2021 को पुलिस अधीक्षक अजमेर को प्रस्तुत करने पर भी कोई कार्यवाही नही होने से न्यायालय की शरण मे आना पड़ा।
ए सी जे एम 2 केकड़ी ने परिवाद की सुनवाई की और परिवादिया के अधिवक्ता डॉ मनोज कुमार आहूजा भेरू सिंह राठौड़ पवन कुमार राठी एवम रवि कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत दलीलों व तर्कों से सहमत होकर धारा 498A-406-323 व दहेज प्रतिषेधः अधिनियम की धारा 4/6 में मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश भिनाय पुलिस थाने को दिए है।

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