प्रियंका को यूपी के किसानों की इतनी चिंता है, तो जरा राजस्थान आकर भी देख लें-देवनानी

-उत्तरप्रदेश में आंदोलकारी किसानों के पक्ष में भूखहड़ताल करने का ढोंग
-पंजाब व छत्तीसगढ़ के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बुलाया

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 6 अक्टूबर। भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को यदि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर में किसानों पर हमले की इतनी ही चिंता है, तो वे जरा कांग्रेस शासित राजस्थान में किसानों पर हुए हमलों व अत्याचारों पर भी अपनी चुप्पी तोड़े और यहां आकर किसानों की हालत देखें। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को तो बुलाया गया, लेकिन सवाल यह उठता है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्यों नहीं बुलाया गया। इससे यही जाहिर होता है कि कांग्रेस के आला नेता केवल भाजपा शासित राज्यों को अपनी राजनीति का निशाना बना रहे हैं।
देवनानी ने जारी बयान में कहा कि प्रियंका गांधी की नजर में राजस्थान के किसान किसान ही नहीं हैं। उनके द्वारा उत्तर प्रदेश में आंदोलनकारियों के पक्ष में तो भूख हडताल करने का ढोंग किया जा रहा है, जबकि राजस्थान के हनुमानगढ़ में कांग्रेस सरकार में किसानों पर लाठियां बरसाई गईं, इसके बावजूद प्रियंका गांधी का मौन रहना यह साबित करता है कि कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों पर हो रहे अत्याचारों पर आंखें मूंदे हुए हैं और भाजपा शासित राज्यों को ही जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले 70 वर्षों से किसानों के नाम पर ओछी राजनीति करती आई है, जो अभी भी जारी है। कांग्रेसी नेताओं की ओर से किसानों को अपने स्वार्थ के अनुसार उपयोग में लिया जा रहा है। यदि प्रियंका गांधी वास्तव में किसानों की हितैषी हैं, तो उन्हें यूपी के लखीमपुर खीरी के साथ राजस्थान के हनुमानगढ के मामले पर भी गौर करें, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। प्रियंका गांधी किसानों के नाम पर राजनीति करते हुए यूपी में जनरल डायर का राज बताने तक नहीं चूक रही है जबकि हनुमानगढ में किसानों पर लाठियां बरसाने वाली कांग्रेस सरकार उसे ‘गांधीगीरी’ लग रही है। प्रियंका ऐसा कौनसा राजनीतिक चश्मा पहनती है जिसमें उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी उन्हें किसान लगते हैं जबकि अपनी वाजिब मांगों को लेकर हनुमानगढ में आंदोलनरत किसान उन्हें किसान ही नहीं लगते। देवनानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गाॅधी की गिरफ्तारी के विरोध में राजस्थान में कांग्रेसियो द्वारा प्रदर्शन करने का नाटक किया गया । राजस्थान के कांग्रेसियों को अपने ही प्रदेश के किसानों की चिन्ता नहीं है ।
देवनानी ने कहा कि प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी में मरे आंदोलनकारियों को लेकर सिर पर आसमां उठाए हुए हैं, जबकि लखीमपुर में 4 अन्य कार्यकर्ताओं की हत्या पर वे मौन हैं। सवाल यह है कि उनकी सुध कौन लेगा? क्या वे उत्तर प्रदेश के नागरिक नहीं हैं? क्या यूपी में किसानों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता बंटोरने वाली प्रियंका गांधी आंदोलनकारियों द्वारा मारे गए चार लोगों एवं हनुमानगढ में हुए किसानों पर लाठीचार्ज के बारे में बोलने का साहस करेंगी? ऐसा दोगलापन कांग्रेस और उसके छुट्टभैया नेता कहां से लाते हैं, यह निश्चित ही अबूझ पहेली है। देवनानी ने लखीमपुर में चल रहे किसान आंदोलन पर कहा कि किसान आंदोलन में घुसे अराजक तत्वों ने यह हिंसा का जो तांडव किया, वह निन्दनीय है। किसानों को सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास रखना चाहिए। जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आए, तब तक आंदोलन स्थिगित रखना चाहिए।

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