बेहतर स्वास्थ्य, ज्ञान और सर्वश्रेष्ठ जीवन का आधार है : गर्भावस्था

अजमेर, 20 अक्टूबर। गर्भ ही जन्म का आधार है और जीवन में उपयोगी समस्त ज्ञान का द्वार है। अत: गर्भावस्था और उसकी महत्ता को जानना एक माँ के लिए और उससे जुड़े सम्पूर्ण परिवार व समाज के लिए आवश्यक हो जाता है। इसी मूल ध्येय के साथ एक पुस्तक का विमोचन हेमन्त माथुर (आरएएस), उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास, अजमेर के द्वारा किया गया। विमोचित पुस्तक का लेखन डॉ. नवीता श्रीवास्तव, डॉ. आशुतोष पारीक और डॉ. नमिता मोयल ने संयुक्त रूप से किया है, जिसका प्रकाशन अभिनव प्रकाशन अजमेर द्वारा किया गया है। पुस्तक मूलतः अंग्रेज़ी में है जिसका हिन्दी अनुवाद भी भविष्य में प्रकाशित किया जाएगा।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री हेमन्त माथुर (RAS) ने कहा कि हम किसी भी युग में जी रहे हों लेकिन यदि गर्भावस्था की महत्ता को भूलने का प्रयास करते हैं तो उसका खामियाज़ा अनेकों पीढ़ियों को भुगतना पड़ता है। लेखकवृन्द को पुस्तक हेतु बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए श्री माथुर ने कहा कि यह पुस्तक गर्भविज्ञान की प्राचीन और आधुनिक दोनों ही दृष्टियों को एक साथ सशक्त रूप में हमारे हृदयों तक पहुँचाती है। मुख्य अतिथि ने इस पुस्तक को प्रत्येक परिवार की ज़रूरत बताते हुए कहा कि हमें अपने प्राचीन भारतीय शास्त्रों की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत को आधुनिक विज्ञान के साथ समझने का प्रयास करना ही होगा। इस तरह की पुस्तक हमें एक संतुलित मानव बनने में सहायक होगी।
लेखक के रूप में विचारों को प्रस्तुत करते हुए सर्वप्रथम डॉ. नविता श्रीवास्तव ने पुस्तक में निहित बालविकास के विभिन्न चरणों और उनकी महत्ता के बिंदुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. आशुतोष पारीक ने पुस्तक में वर्णित गर्भ से जुड़े विविध संस्कारों और अभिमन्यु, अष्टावक्र, कौरव और पाण्डवों के प्राचीन उदाहरणों से गर्भ की महत्ता को परिलक्षित किया। डॉ. नमिता मोयल ने मानवीय बौद्धिक विकास और उसमें खान-पान से जुड़े विषयों का वैज्ञानिक और तार्किक विश्लेषण प्रस्तुत किया। प्रसिद्ध प्रसूतिरोग विशेषज्ञ डॉ. अंजु गुप्ता ने कहा कि गर्भ को धारण करने की इच्छुक प्रत्येक महिला और उसके परिवार को इस पुस्तक को पढ़ना चाहिए क्योंकि इसके प्रति अनभिज्ञ होना स्वयं माँ और उसके गर्भ दोनों के लिए ही में ख़तरा बन जाता है। प्रसूतिरोग विशेषज्ञ डॉ. स्वाति शिन्दे ने इस पुस्तक को गर्भावस्था को एक सुखद अनुभव बनाने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम बताया। कार्यक्रम में अभिनव प्रकाशन के प्रतिनिधि अतिन गोयल, डॉ. रुचि माथुर एवं अन्य गणमान्य शिक्षाविद उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन शुभाशीष श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन तृप्ति पारीक ने किया।

डॉ. आशुतोष पारीक संस्कृतायनम्
सहायक आचार्य (संस्कृतम्)
चलवाणी – 9460355172
अणुसंकेत: – [email protected]

error: Content is protected !!