जयपुर/अजमेर, 29 अक्टूबर।
भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि पौने तीन सालों में प्रदेश में सरकार ने उच्च शिक्षा को रसातल पर ला छोडा है। झूठी वाहवाही बंटोरने के चक्कर में सरकार ने जगह काॅलेज तो खोल दिए लेकिन उनमें न पर्याप्त बैठने की व्यवस्था है और न पढानेवाले स्टाॅफ की उपलब्धता ही है। सरकार की अनदेखी एवं उदासीनता के चलते राज्य में उच्च शिक्षा अब तक के निम्न स्तर पर है।
देवनानी ने कहा कि सरकार ने पिछले ढाई साल में 88 काॅलेज नए खोले और होहल्ला कर जनता की थोथी वाहवाही लूटी। काॅलेज खोलने के बाद मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में अब तक भी कोई ठोस प्रयास नहीं हुए जिसके परिणामस्वरूप धरातल पर काॅलेजों की हकीकत शर्मिंदा करने वाली है। 50 से अधिक काॅलेजों के पास तो खुद की जमीन तक नहीं है जबकि 70 से ज्यादा काॅलेज अपने भवन के इंतजार में है। करीब 6 दर्जन काॅलेज किराए के भवन में संचालित करने को मजबूर है। नए काॅलेज आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। अनेक काॅलेज ऐसी है जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच-सात सौ है लेकिन कक्षों की संख्या महज 3 है। काॅलेजों में फर्नीचर का पूर्णतया अभाव है, विद्यार्थियों को नीचे फटी-पुरानी दरियों पर ही बैठना पड रहा है। काॅलेजों में पढनेवाले विद्यार्थियों की संख्या करीब पांच लाख है लेकिन पढानेवाला स्टाफ पर्याप्त नहीं है। काॅलेजों में सभी प्रकार के शिक्षकों के पौने तीन हजार के आस-पास पद खाली पडे हैं। विद्यार्थी दिनभर काॅलेजों में बैठकर घर लौट आते हैं।
देवनानी ने कहा कि ताजूब की बात तो यह है कि सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में 3 काॅलेज बिना भवन के संचालित है। एक काॅलेज तो धर्मशाला में संचालित हो रही है। पैतृक गांव हदां में काॅलेज एक पुराने प्राइमरी स्कूल भवन में लग रहा है जो जर्जर हालत में है। मंत्री के क्षेत्र के काॅलेजों की हालात खस्ता है तो प्रदेश के काॅलेजों और उच्च शिक्षा का स्तर कैसा होगा इसका अनुमान हम स्वतः ही लगा सकते हैं।
देवनानी ने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपाना बंद करें और समय रहते काॅलेजों को सुव्यवस्थित करने की तरफ ध्यान लगाएं। प्रदेश का युवा सरकार की चाल और चरित्र दोनों को भली प्रकार से समझ चुका है इसका परिणाम कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल जाएंगा।