पुष्कर तीर्थ विकास मंडल 1972 को पुनर्गठित कर श्री पुष्कर राज तीर्थ को टेंपल टाउन घोषित करने की मांग

माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी,
प्रधान मंत्री, भारत सरकार
नई दिल्ली।
विषय: “पुष्कर तीर्थ विकास मंडल 1972 को पुनर्गठित कर” श्री पुष्कर राज तीर्थ को राज्य का प्रथम धार्मिक आध्यात्मिक एवं हेरिटेज क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु” टेंपल टाउन” घोषित करने संबंधी मांग पत्र ।
मान्यवर,सादर स्वागत, वंदन, अभिनंदन,
आज हम सभी ब्रह्म क्षेत्र श्री पुष्कर तीर्थ के वासियों के लिए अपार हर्ष, प्रसन्नता के साथ परम सौभाग्य का विषय है कि आज हमसे देश के महान यशस्वी प्रधान सेवक माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी, भगवान शिव की तपोभूमि केदारनाथ धाम से सीधे पुष्कर तीर्थ दर्शन और विकास के लिए वर्चुअल माध्यम से सम्मुख होकर संवाद कर रहे है इस सम्मान के लिए हम सभी आपके हृदय से आभारी होकर आपका साधुवाद व्यक्त करते है कि जगत पिता श्री ब्रह्मा जी की कृपा और आशीर्वाद आप पर सदा ही बना रहे।
हम आज आपसे इस महा स्वर्णिम अवसर पर, उपरोक्त विषयांतर्गत, श्री पुष्कराज तीर्थ के विभिन्न समुदायों के आचार्य ,संत महात्मा गण , समस्त तीर्थ पुरोहित गण,धार्मिक, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, नागरिक गण, पुष्कर क्षेत्र को प्रथम धार्मिक आध्यात्मिक एवं हेरिटेज क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु” टेंपल टाउन” घोषित करने के लिए निम्न आधार पर आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं:
1.सृष्टि रचयिता श्री ब्रह्मा जी का सृष्टि पर प्रथम यज्ञ संपन्न करने के मानसिक संकल्प और कर पुष्प से प्रस्फुटित त्रिपुष्कर ज्येष्ठ( ब्रह्म पुष्कर) मध्य पुष्कर( विष्णु पुष्कर) कनिष्ठ पुष्कर (रुद्र पुष्कर) का उद्गम होने की मान्यता सर्व विदित है, पुष्कर तीर्थ आदि अनादि तीर्थ है यह स्वयंभू तीर्थ है इसके प्राकट्य का कोई अलौकिक कारण नहीं है।
2. पुष्कर राज की महिमा और महात्म्य ऋग्वेद 7/33,6/16 यजुर्वेद 11/ 32 वाल्मीकि रामायण, महाभारत के वन पर्व 82/ 25,82/ 26 श्रीमद्भागवत महापुराण अग्नि पुराण, कूर्म पुराण,स्कंद पुराण, हरिवंश पुराण 9/23 ब्रह्मवैवर्त पुराण 5 /70 ,71 पद्म पुराण के सृष्टि खंड में वर्णित है
3. भगवान श्रीराम द्वारा अपने पिता श्री दशरथ जी के गया कुंड पुष्कर में श्राद्ध का उल्लेख पद्मपुराण और गरुड़ पुराण में, भगवान श्री कृष्ण का मथुरा से द्वारका गमन का वर्णन हरिवंश पुराण में वर्णित है, उसी काल का कान बाय मंदिर और अरण्य क्षेत्र आज भी जीवंत है, नंदा सरस्वती का उद्गम और जल प्रवाह क्षेत्र भी पुष्कर में रहा है पांडव आगमन एवं आवास के प्रमाण पंचकुंड क्षेत्र में व गोमुख क्षेत्र का अनंत महत्व है। बादशाह जहांगीर के आवास के महल आज भी पुरातत्व विभाग द्वारा सुरक्षित है।
4. “सतयुगीन” नाग पहाड़ क्षेत्र विशाल अरण्य क्षेत्र रहा है, जिसमें सतयुगी ऋषि वामदेव, विश्वामित्र, अगस्त्य, मार्कंडेय,सांख्य शास्त्र के प्रणेता महर्षि कपिल 27 कल्प दृष्टा को जानने वाले महर्षि लोमर्श,महर्षि जमदग्नि की आराधना व तपोस्थली के रूप में विख्यात विभिन्न गुफाएं आज भी विद्यमान हैं जहां पूजा अर्चना निरंतर जारी है 51 शक्तिपीठों में से 1 शक्ति पीठ पुरुहुता पहाड़ पर चामुंडा मंदिर भी आस्था का प्रमुख केंद्र है।
5. भगवान आदि शंकराचार्य द्वारा सातवीं सदी में पुष्कर क्षेत्र से प्राप्त श्री ब्रह्मा जी की मूर्ति को स्थापित करने का उल्लेख मिलता है जो विश्व में एकमात्र” ब्रह्मा मंदिर” के नाम से विख्यात और पूजित है रत्नागिरी पर्वत पर सावित्री मंदिर मर्यादा पर्वत पर पापमोचनी एवं गायत्री मंदिर, सदियों पुराने वराह मंदिर, पुराना रंगजी मंदिर,नया रंगजी मंदिर अटमटेश्वर, कपालेश्वर,बैजनाथ आदि तीर्थ रूप में हिंदू धर्म के अनुयायियों के प्रमुख आस्था केंद्र हैं, पुष्कर में विभिन्न संप्रदायों के लगभग डेढ़ सौ मंदिर पूजा स्थल व आराधना केंद्र है लगभग 100 से अधिक विभिन्न संप्रदायों के आश्रम और धर्मशालाएं पुरातन एवं नूतन अवस्थित है जो देश विदेश से आए यात्रियों को न्यूनतम खर्च पर अधिकतम सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।
6. जैन संप्रदाय के आचार्य पार्श्वनाथ के आवास और उनके द्वारा स्थापित “पद्मावती नगर” के अवशेष आज भी मिल रहे हैं, विशाल जैन मंदिर भी है, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के आगमन और उनके द्वारा “पौष्करायिणी”शाखा के उद्भव और बौद्ध भिक्षु अर्द्वदत्, हिमगिरी इसीदत्ता की तपस्या और दान का उल्लेख सांची स्तूप के अभिलेख में संधारित है, सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव यहां पधारे दशम गुरु गोविंद सिंह जी के आगमन का वर्णन हुक्मनामा में है, उनके नाम से 52 घाटों में से एक घाट भी सरोवर पर है।
7.धरा पर अवस्थित पांच प्रमुख सरोवर हैं। पुष्कर का ब्रह्म सरोवर उन्हीं में से एक है अन्य चार में मानसरोवर( तिब्बत) पंपा सरोवर (कर्नाटक) बिंदु सरोवर,नारायण सरोवर (गुजरात) में है। पुष्कर के ब्रह्मसरोवर की पौराणिक और धार्मिक महिमा अनंत है पद्मपुराण के सृष्टि खंड में वर्णित अनुसार ब्रह्म सरोवर के दर्शन मात्र से ही मुक्ति और स्नान से सर्व पाप क्षय होते हैं।पुष्कर के सभी तीर्थों का गुरु होने का उल्लेख भी शास्त्रों में मिलता है।
8. पुष्कर का धार्मिकऔर पशु मेला विश्व विख्यात है प्रतिवर्ष लगभग 40 से 50 लाख धार्मिक श्रद्धालु यात्री सभी देश के कोने-कोने से आते हैं। करीब एक लाख विदेशी सैलानी भी पुष्कर भ्रमण करते हैं।उनके लिए कार्तिक पशु मेला विशेष आकर्षण है।
9. उपरोक्तानुसार, पुष्कर क्षेत्र की महिमा वह महत्तम में को पुनर्स्थापित करने हेतु निम्न कार्यवाही प्रस्तावित है:
१.पुष्कर प्रवेश की सभी दिशाओं में कुल 7 द्वार सप्तर्षियों के नाम से निर्मित हो, उन्हीं सप्तर्षियों के नाम की ऋषि कुटीर हो, जिनमें उक्त ऋषि के भारतीय संस्कृति में योगदान, है उनके दर्शन का विवरण अंकित हो ऋषि दीर्घा एवं संत दीर्घा स्थापित की जाए।
२. आध्यात्मिक विकास केंद्र हो। जिसमें वेद उपनिषद,पुराण,वेदांत ,गीता भागवत पर रिसर्च हो उनके अध्ययन और विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में आध्यात्मिक गोष्ठियां संधारित हो। प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय अध्यात्म महोत्सव मनाया जाये। देश-विदेश के मूर्धन्य विद्वानों को बुलाया जावे।
३.प्रदर्शनी स्थल ( एग्जीबिशन हॉल) का निर्माण हो।जिसमें सृष्टि उद्गम से अब तक का विकास यात्रा का विवरण हो।कुरुक्षेत्र में ऐसी ही एक म्यूजियम है।
४. त्रिपुष्कर( ज्येष्ठ,मध्य, कनिष्ठ) के सरोवर में पर्याप्त एवं शुद्ध जल हर समय उपलब्ध और बना रहे। नवीनतम टेक्निकल सहयोग सभी से प्राप्त किया जावे।
५.त्रिपुष्कर का विकास प्रारूप तिरुपति, कुरुक्षेत्र, शिर्डी, वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर (अमृतसर ) व अन्य सामान क्षेत्र विकसित है उसी आधार पर किया जाए।
६ .पुष्कर घाटी, नाग पहाड़ ,पुरुहूता पर्वत, रत्नागिरी पर्वत, मर्यादा पर्वत व अन्य क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण लगभग 50 लाख वृक्ष लगाया जाए। इसके लिए विभिन्न कारपोरेट घरानों व अन्य राज्यों को क्षेत्र आवंटन कर विकास किया जाए।
७. भूमिगत जल ( अंडर ग्राउंड) स्तर निरंतर तीव्र गति से गहरा हो रहा है। 2007 में जो 30 फिट था अब 120 से 130 फिट नीचे चला गया है । इसके लिए छोटे जलाशय बनाए जाकर जल स्तर में सुधार हो।
८. कृषि पैटर्न में सुधार हो। कम जल से अधिक व उपयोगी फसल को करने हेतु कृषको को सैंपल कृषि फार्म विकसित कर प्रेरित किया जावे।
९. श्री ब्रह्मा मंदिर में वेद मंदिर स्थापित हो। जहां निरंतर वेद ध्वनि प्रसारित होती रहे। अन्य मंदिरों में भी समय बंद आरती पूजा की ध्वनि प्रसारण हो जैसे गुरुद्वारा में गुरुवाणी प्रसारित होती है।
१०. पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर सप्तऋषि घाट पर बनारस व ऋषिकेश में गंगा आरती की तर्ज पर ही महा आरती का आयोजन प्रतिदिन सायंकाल हो। आरती सायंकाल मध्य पुष्कर व कनिष्ठ पुष्कर में भी हो। पुष्कर सरोवर के सप्त ऋषि घाट पर लाइट व साउंड सिस्टम से पुष्कर के पौराणिक इतिहास व अन्य अवतार कथा व तीर्थों का प्रतिदिन प्रदर्शन किया जावे।
११. विशाल यज्ञशाला व यज्ञ संस्थान स्थापित हो। जिसमें यज्ञ महिमा व यज्ञ पूर्णता के महत्त्व मेकर अध्ययन व व्यवहारिक सदुपयोग हो। वर्ष में एक बार सृष्टि यज्ञ व अति रुद्र यज्ञ संपन्न कराया जावे।
१२. विशाल सत्संग सभागार हो। जिसमें वर्ष भर का कार्यक्रम निर्धारित कर देश विदेश से संत महात्मा गणों,कथा वाचकों, प्रवचन कर्ताओं को आमंत्रित कर नगर में धार्मिक व आध्यात्मिक वातावरण निरंतर किया जाये।
१३. नाग पहाड़ क्षेत्र में विश्वामित्र, जमदग्नि, अगस्त्यमुनि,वामदेव ऋषि मार्कंडेय लोमर्श वअन्य प्रमुख ऋषियों की गुफाओं का विकास कराया जावे।जो कि वर्तमान में जीर्ण शीर्ण अवस्था में है।
१४.परिक्रमा: सरोवर परिक्रमा, आध्यात्मिक यात्रा मार्ग, सप्त कोसीय परिक्रमा, 24 कोसीय परिक्रमा, 84 कोसीय परिक्रमा जो पूर्व में संधारित थी, उन्हें पुनर्स्थापित कर उनमें आने वाले विशिष्ट मंदिरों व स्थानों का सर्वांगीण विकास कराया जाए।
१५. पुष्कर नगर क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं यथा सड़क, सीवरेज, नालियां, पानी, बिजली,पार्किंग,बस अड्डा, ट्रांसपोर्टेशन,प्रदूषण मुक्त वाहनों (ई रिक्शा )की गुणात्मक उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
१६. पुष्कर नगर मे कोई उपयुक्त पार्क नहीं है। अधिकतम विकसित, सुविधा युक्त पार्क निर्माण हो। जहां लाइट साउंड की पर्याप्त व्यवस्था हो।
१७. पुष्कर नगर पॉलिथीन मुक्त हो भावनाओं पर निर्धारित एक ही रंग हो पौराणिक लुक दिया जाए
१८. पुष्कर नगर में उच्चतर श्रेणी के शैक्षणिक व मेडिकल केंद्र स्थापित हो।
१९. पुष्कर तीर्थ क्षेत्र की अपनी समान आचार संहिता हो। जो समान रूप से यहां के निवासियों व यात्रियों पर लागू हो।
२०. पुष्कर नगर में कोई गरीबी रेखा से नीचे का व्यक्ति परिवार नहीं हो। इसके लिए स्वरोजगार व सामूहिक रोजगार सुविधाओं का विकास हो। सामुदायिक व सहकारिता आधारभूत केंद्र स्थापित हो।
२१. पुष्कर क्षेत्र में केमिकल खेती बंद हो ।केवल ऑर्गेनिक खेती ही हो। पर्यावरण पर विशेष जोर दिया जावे।
२२. जल संरक्षण, संधारण व संग्रहण पर प्रत्येक नागरिक व नगरवासी व यात्री को प्रशिक्षित कराया जाये।
२३. पुष्कर तीर्थ पर पुरोहित कार्य करने वाले तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों के प्रशिक्षणार्थ उपर्युक्त केंद्र स्थापित कर, उन्हें नियमित मार्गदर्शन दिया जावे।
10. मान्यवर,उपरोक्त संपूर्ण कार्य योजना तैयार किया जाना अति आवश्यक है बशर्तें माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाल ” पुष्कर तीर्थ विकास मंडल 1972″ को पुनर्गठित कर राजकीय एवं क्षेत्रीय उपयुक्त व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व देकर संकल्प शक्ति सहित कार्य परिणीति में लगाया जाए। तथा विकास मंडल का एक उपयुक्त प्रेरणादायक व्यक्तित्व वाले आई ए एस अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया जाए। “टेंपल टाउन एक्ट” बनाया जाकर यथोवत शक्तियां क्रियान्वयन की उक्त अधिकारी को दी जाए। श्री पुष्कर तीर्थ को यथाशीघ्र” टेंपल टाउन “घोषित किया जावे।तथा यह पावन
पुष्कर तीर्थ एक आदर्श मॉडल तीर्थ के रूप में कैसे विकसित हो।इसके क्रियान्वयन के लिए आगामी 100 वर्षो को आधार मानकर नियोजित व सर्वांगीण विकास कार्य योजना का मास्टर प्लान तैयार करवाया जाए।
11.टेंपल टाउन के अधीन नव निर्माण कार्य योजना यथा: यज्ञ संस्थान आध्यात्मिक विकास केंद्र दर्शनीय स्थल पार्क,शैक्षणिक संस्थान मेडिकल संस्थान ऋषि दीर्घा संत दीर्घा अन्य कार्यों के लिए नए बस स्टैंड के पास ही करीब 200 बीघा नगरपालिका के स्वामित्व की भूमि रिक्त है।व वन विभाग की वर्तमान नर्सरी परीक्षेत्र भी लगभग 100 बीघा क्षेत्र में है, जहां पर्यावरण व पौध संरक्षण संस्थान आदि बनाए जा सकते हैं। सावित्री मंदिर पहाड़ी के पास खसरा नंबर 2151 की लगभग 761 बीघा भूमि सीवेज वाटर वन विकास के नाम पर खाली पड़ी है, उसका उपयोग किया जा सकता है
अतः हमारा आपसे उपरोक्त अनुसार सर्वांगीण विकास कार्य योजना प्रारूप व टेंपल टाउन प्रस्ताव पर अति शीघ्र निर्णय कर क्रियान्वयन का विनम्र अनुरोध है। हम सब आपकी संकल्प शक्ति व धार्मिक आस्था से भलीभांति परिचित हैं कि आप आदि अनादि पुष्कर तीर्थ को सर्वोच्य सम्मान देकर इसे टेंपल टाउन घोषित कर, इसकी गौरवमयी प्रतिष्ठा को नई पहचान और ख्याति को श्री राम जन्म भूमि अयोध्या के समान ही विश्व में प्रतिस्थापित करने का संकल्प लेकर, हम तीर्थ वासियों को अनुग्रहित करेंगे।
आदर सहित।

भवदीय,
पुष्कर तीर्थ के संत, तीर्थ पुरोहित, नागरिक, धार्मिक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी गण।

हस्ताक्षर
1. महंत श्री नंद राम शरण,राम सखा आश्रम 2. जगत गुरु श्री दिव्य मोरारी बापू 3. श्री पाठक जी महाराज, चित्रकूट धाम 4. माननीय श्री भागीरथ चौधरी, सांसद अजमेर, 5.माननीय श्री सी आर चौधरी पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री 6. श्री सुरेश रावत, विधायक पुष्कर, 7.श्री नीरज जैन, उप महापौर, नगर निगम अजमेर, 8. अरुण पाराशर, सचिव श्री पुष्कर सरोवर संवर्धनी समिति पुष्कर।

श्री पुष्कर सरोवर संवर्धन समिति, पुष्कर (रजिस्टर्ड)।
अरुण पाराशर
सचिव।
9314261954

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