भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में पिछले 3 साल से भ्रष्टाचार का खेला चरम पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुंह पर शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण एवं पोस्टिंग पैसे देकर होने की बात कहना इस बात का प्रमाण है। थोड़ी बहुत भी नैतिकता बची हो तो तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री गहलोत को इस्तीफा देने मे ही सार है।
देवनानी कहा कि शिक्षक सम्मान समारोह प्रदेश स्तरीय गरिमामय कार्यक्रम होता है इसकी अपनी एक महिमा है उस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पूछे जाने पर शिक्षकों द्वारा एक स्वर में स्थानांतरण एवं पोस्टिंग के काम पैसे लेकर करने की बात स्वीकार करना मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस सरकार की पोल खोलता है। शिक्षको ने कोई नई बात नहीं कही है पिछले 3 साल में सरकार के मंत्रियो की सह पर शिक्षकों से जो पैसा लेकर स्थानांतरण-पोस्टिंग का जो धन्धा चल रहा है उसी बात को उन्होने हूबहू प्रदेश के मुखिया के सामने रखा है। शिक्षकों ने सच्चाई मुख्यमंत्री के सामने रख अपना कर्तव्य पूरा करने का काम किया है लेकिन अब देखना है मुख्यमंत्री इसपर क्या कार्रवाई करते हैं? वैसे मुख्यमंत्री जी में थोड़ी बहुत भी नैतिकता बची हो तो प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी स्वयं लेते हुए तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होने कहा कि प्रदेश के शिक्षामंत्री तृतीय श्रेणी अध्यापक के पदनाम को बदलने की बात कर रहे हैं जबकि प्रदेश में व्यवस्था बदलने की दिशा में प्रयत्न की आवश्यकता है। लेकिन पता नहीं क्यों शिक्षा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जानते हुए भी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति आंखें मूंदे बैठे हैं। इसका जवाब दो प्रदेश की जनता समय आने पर उनसे लेगी।