बोर्ड अध्यक्ष जारौली को बर्खास्त करें गहलोत: देवनानी

-परीक्षा में धांधली के अहम जिम्मेदार बोर्ड अध्यक्ष जारौली।
-रीट प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने व रीट परीक्षा निरस्त करने की मांग।

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 27 जनवरी। पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रीट परीक्षा के दौरान हुई घोर अनियमिता एवं धांधली के प्रमुख दोषी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डी.पी.जारौली को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने एवं पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
देवनानी ने कहा कि अब तो खुद एसओजी ने भी स्वीकार कर लिया है कि रीट परीक्षा का पेपर आउट हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार को तुरंत प्रभाव से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराने और रीट परीक्षा-2021 निरस्त करने पर विचार करना चाहिए।
देवनानी ने कहा कि जयपुर को छोडकर शेष जिलों में सरकारी अधिकारियों को रीट परीक्षा का को-आॅर्डिनेटर बनाया गया जबकि अकेले जयपुर में बोर्ड अध्यक्ष जारौली के निर्देश पर गैर सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर व रामकृपाल मीणा को को-आॅर्डिनेटर के रूप में लगाया। अन्य जिलों में प्रश्न पत्र सरकारी ट्रेजरी या पुलिस स्टेशनों पर रखवाए गए जबकि जयपुर में जारौली के निर्देश पर शिक्षा संकुल स्थित शिक्षा बोर्ड कार्यालय पर रखवाए गए। गैर सरकारी व्यक्ति पर विश्वास जताने की क्या मजबूरी रही होगी यह तो बोर्ड अध्यक्ष जारौली या फिर तब सरकार में शिक्षा मंत्री रहे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह ही ज्यादा जानते है। रीट परीक्षा की अनियमिता और धांधली में गैर सरकारी व्यक्ति पारासर और मीणा की संलिप्ता होने से यह मामला सरकार से भी जुड गया है। बदनामी से बचने और सरकार में बडे लोगों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत जानबूझकर जांच सीबीआई को नहीं सौंप रहे हैं। वे नहीं चाहते कि सरकार और सरकारी तंत्र में बैठे बडे लोगों के नाम जगजाहिर हो, इसलिए वे जांच सीबीआई को देने से डर रहे है।
देवनानी ने कहा कि परीक्षा में हुई अनियमिता से बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड हुआ है। मुख्यमंत्री गहलोत को तत्काल प्रभाव से रीट परीक्षा 2021 में हुई अनियमिताओं और धांधली के प्रमुख जिम्मेदारी एवं दोषी बोर्ड अध्यक्ष जारौली को बर्खास्त करें।
बोर्ड को फिर परीक्षा की जिम्मेदारी को देना गलत
देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा 2021 के आयोजन में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और उसके अध्यक्ष जारौली की भूमिका अच्छी नहीं रही है। इस परीक्षा से बोर्ड की विश्वसनीयता गिरी है। इतना सब कुछ होने के बाद सरकार मई जून में होने वाली रीट परीक्षा दुबारा शिक्षा बोर्ड से कराने को आमादा है जो किसी भी सूरत में सही नहीं है। देवनानी ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बजाए अन्य बाॅडी से निष्पक्ष रीट परीक्षा-2022 का आयोजन करने की मांग भी की है।

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