विख्याल रंगकर्मी, लेखक एवं रूपसज्जा विशेषज्ञ अशोक सक्सेना के आकस्मिक निधन पर ‘नाट्यवृृंद‘ के कलाकारों और सहयोगियों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संस्था निदेशक उमेश कुमार चौरसिया ने बताया कि अशोक जी ने राजस्थानी फिल्म पिया मिलण री आस लिखने के साथ-साथ मुम्बई में भी कई वर्षाें तक थियेटर डायरेक्शन किया था। रामलीला से लेकर आधुनिक नाट्यप्रयोगों में उन्हें महारत हासिल थी। आभासी पटल पर हुई श्रद्धांजलि सभा में अजमेर सहित दिल्ली, मुम्बई और जयपुर से उपस्थित देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गौरव सोनी, अंकित शांडिल्य, डाॅ अनन्त भटनागर, कंवलप्रकाश किशनानी, सोमरत्न आर्य, डाॅ पूनम पाण्डे, नितिश माथुर, दीपक गहलोत, हर्षुल मेहरा, संदीप पाण्डे, जयवर्द्धन, युवराज वाही, वर्षा शर्मा चड्डा, कृष्ण गोपाल पाराशर, सुन्दर मटाई, रजनीश चारण, प्रदीप गुप्ता, लखन चौरसिया आदि ने उनके रंगमंच के प्रति समर्पण और निष्ठा को विविध संस्मरणों के माध्यम से बताया।