प्रत्येक व्यक्ति को है स्वस्थ होने का मूल अधिकार –मर्यादा शर्मा

केकड़ी 7 अप्रैल (पवन राठी)प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ होने का मूल अधिकार है।ये उद्गार न्यायिक मजिस्ट्रेट मर्यादा शर्मा ने तालुका विधिक सेवा समिति द्वारा आयोजित स्वस्थ्य जागरूकता शिविर में व्यक्त किये।इसके साथ ही शर्मा ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रत्येक नागरिक को यह मूल अधिकार प्राप्त है।
तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष कुंतल जैन एवम अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश प्रथम अम्बिका सोनी के निर्देश पर आयोजित शिविर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम युवराज सिंह अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय कविता राणावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
शिविर के प्रारंभ में पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू एवम अधिशासी अधिकारी बसंत कुमार सेनी ने सभी न्यायाधिशो का स्वागत अभिनंदन किया।
ए सी जे एम प्रथम युवराज सिंह ने मेन्टल हेल्थ एक्ट 2015 के प्रावधानों के बारे में बताया कि यदि कोई व्यक्ति मेन्टल हेल्थ संबंधी समस्या से ग्रस्त है तो वह निकट के थाना प्रभारी को आवेदन कर सकता है यदि थाने में सुनवाई नही हो तो तालुका विधिक सेवा समिति को आवेदन कर सकता है।इसके साथ ही वह राज्य विधिक सेवा समिति (सालसा) एवम राष्ट्रीय विधिक सेवा समिति (नालसा) को भी आवेदन कर सकता है।अधिक जानकारी राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की वेबसाइट से ली जा सकती है।
ए सी जे एम द्वितीय कविता राणावत ने स्वास्थ्य के अधिकारों के बारे में बताया।
अंत मे पालिका अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया। शिविर में जनप्रतिनिधि एवम पालिका कर्मिगण उपस्थित थे।

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