भागवत सब ग्रंथो का सार-जगदीशपुरी जी

कलश यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब
झांकी बनी आर्कषण का केंद्र

केकड़ी 13 अप्रैल (पवन राठी)गीता भवन में भगतानी परिवार की और से बुधवार को भागवत गीता कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ हुवा।
कार्यक्रमो का आगाज बड़ पिपलेश्वर मंदिर से कलश यात्रा से हुवा।
कलश यात्रा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण किये चल रही थी।कलश यात्रा में से सबसे आगे शक्करगढ़ आश्रम के महामंडलेश्वर आचार्य श्री जगदीश पुरी महाराज चल रहे थे उत्साही कार्यकर्तागण पिला पगमंडा बिछा उनकी पंधरावनी कर रहे थे। आयोजक भगतानी परिवार ने भागवत गीता को सिरोधार्य कर रखे थे।यात्रा में सुसज्जित आकर्षक झांकी भी थी जिसने सभी धर्मावलंबियों को आकर्षित किया। कलश यात्रा खिड़की गेट सदर बाजार घंटा घर जूनिया गेट होते हुए गीता भवन पंहुच सम्पन्न हुई और धर्म सभा मे परिवर्तित हो गई।

गीता सब ग्रंथो का सार
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धर्म सभा को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर आचार्य जगदीशपुरी जी ने कहा श्री मद भागवत गीता सब ग्रंथो का सार है।इसमें भक्ति ज्ञान व वैराग्य की विस्तृत चर्चा होती है।श्रीमद भागवत महापुराण वेद रूपी वृक्ष का पका हुवा फल है।इसके श्रवण मात्र से ही मृत्यु का भय दूर सा हो जाता है। भारत की पुण्य भूमि में जन्म होना जीवो के अनंन्त पुण्य का पुष्प और फल है।
भागवत की अमृतमयी कथा जीवन को सही रास्ता दिखाती है।
कथा से पूर्व भगतानी परिवार द्वारा श्रीमत भागवत गीता की पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर जगदीश स्वरूप मेवाड़ा पुरन कुमार कारीहा सुभाष न्याती गणेश सिंह भाटी बिरदी चंद नुहाल रामनारायण माहेश्वरी सुरेंद्र जोशी सुरेंद्र कारीहा अशोक विजय राजेन्द्र फतेहपुरिया भगवान माहेश्वरी जगदीश फतेहपुरिया आदि ने आचार्य श्री का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।
सतसंस्कार सेवा समिति के चंद्र प्रकाश विजयवर्गीय ने बताया की प्रतिदिन सुबह 8-30से 11-30एवम अपरान्ह 3 से 6 बजे तक कथामृत की सरिता प्रवाहित होगी।

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