*दयानंद महाविद्यालय में विलुप्त प्राय कला फ्रेस्को के परीक्षण शिविर का समापन*

दयानन्द महाविद्यालय में फ्रेस्को के शिविर का समापन किया गया। जिसमें विभाग के चयनित 20 विद्यार्थियों को निशुल्क परीक्षण दिया गया। प्राचार्य डॉक्टर लक्ष्मीकांत ने बताया चित्रकला स्नातकोत्तर विभाग में विभिन्न शिविर का आयोजन कर विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारा जा रहा है। पूर्व में भी सॉप कार्विंग द्वारा मूर्तिकला का एवं रंगोली प्रशिक्षण शिविर लगाए जा चुके हैं। यह अतिरिक्त हुनर विद्यार्थियों के लिए आत्मविश्वास एवं उत्साह से पूर्ण होगा। फ्रेस्टो कला निर्माण की प्राचीन पद्धति है। जो आज भी वर्षों पुराने मंदिरों, कला गुहाओ एवं स्थापत्य के प्राचीन राजगृह में देखने को मिलती है और आज भी जस की तस बनी हुई है ।विभागाध्यक्ष डॉ ऋतु शिल्पी ने बताया फ्रेस्को की कई विधियां जैसे सेको ब्यूनो अराइश इटालियन आदि का परीक्षण विद्यार्थियों को क्रमशः दिया जाएगा ।परीक्षण के प्रथम चरण में फ्रेसको सेको विधि में काम करना सिखाया गया है। प्राध्यापिका डॉ अनीता शर्मा ने बताया फ्रैस्को विधि राजस्थान में सिर्फ दो महाविद्यालय में सिखाई जा रही है। जिसमें दयानंद महाविद्यालय अजमेर एक है । यह अब विलुप्त होती कला है, जिसका संरक्षण आवश्यक है, कला विद्यार्थियों ने जिसे मात्र किताबों में पढा है उसे सीख कर वह उत्साही है ।उप प्राचार्य डॉ एम के सिंह ने कहा यह नई पीढ़ी इस कला विधि को आगे ले जाएगी।और संरक्षण देगी साथ ही अर्थाजन का साधन भी बना सकेगी। समापन में प्राध्यापक डॉ शेर सिंह, सुदर्शन मौर्य ,अलका शर्मा एवं कला विद्यार्थी उपस्थित थे।

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