ऋषि दयानंद सरस्वती को नमन है बारम्बार

आर्य वीरांगना दल के प्रांतीय शिविर में नवदीप सिंह झाला की भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने समा बांधा
ऋषि उद्यान अजमेर में आयोजित आर्य वीरांगना दल के प्रांतीय प्रशिक्षण शिविर में विश्व संगीत दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध गायक नवदीप प्रताप सिंह झाला ने सुमधुर भजनों और देशभक्ति गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
झाला ने सर्वप्रथम ईश्वर प्रार्थना करते हुए ओम है जीवन हमारा ओम प्राणाधार है, धर्म के लिए जिए समाज के लिए जिए और उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती की प्रस्तुति से वीरांगनाओं में देश भक्ति का भाव जाग्रत किया। इसके बाद ऋषि ऋण को चुकाना है, ऋषि दयानंद सरस्वती को नमन है बारम्बार आदि गीतों की प्रस्तुति के माध्यम से महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा मानवता के हित में, वैदिक संस्कृति के संरक्षण और समाज में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिए किए गए कार्यों से अवगत करवाया। राजस्थानी गीत धरती धोरा री सुनाकर झाला ने वीरांगनाओं को मंत्र मुग्ध कर दिया । इस अवसर पर झाला ने भारतीय संगीत पर कार्यशाला भी ली जिसमें उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के महत्व को समझाते हुए कुछ एक रागों पर भी प्रकाश डाला और बताया कि समस्त संसार में ईश्वर आराधना और सत्संग का सबसे सरल और सुगम माध्यम संगीत ही है

*सफल जीवन की कुंजीमनुष्योचित गुण*
बुधवार को प्रातः कालीन सत्र व्यायाम आसन व प्राणायाम के साथ आरंभ हुआ । कंचन माताजी व अभिलाषा जी की बौद्धिक कक्षाएं अत्यंत प्रभावशाली रही। कंचन माताजी ने वीरांगनाओं को स्थूल शरीर सूक्ष्म शरीर व आत्मा का परिचय दिया तथा अभिलाषा जी ने आर्य समाज के महत्व पर प्रकाश डाला।
दोपहर के बौद्धिक सत्र में डॉ आराधना आर्या ने अत्यंत प्रेरणास्पद शब्दों से बालिकाओं का उत्साह बढ़ाया सही मनुष्य की पहचान व सफल जीवन की कुंजी मनुष्योचित गुण पर गहराई से प्रकाश डाला मनुष्यता के गुणों के बारे में बताया तथा जीवन में आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया।

शिविर संचालिका सुलक्षणा शर्मा ने बताया कि गुरुवार 23 जून को यज्ञ सत्र में सभी वीरांगनाओं का यज्ञोपवीत संस्कार किया जाएगा। शिक्षिकाओं में पूजा, हर्षिता, सपना, प्रियंका ने प्रशिक्षण दिया।

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