खेल सिखाते है हार को स्वीकार कर जीतने का जज्बा-लोहिया

श्री अमरापुर सेवा घर निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र
अजमेर. 04 जुलाई, कोटड़ा स्थित ताराचंद हुंदलदास खानचंदानी सेवा संस्थान द्वारा संचालित श्री अमरापुर सेवा घर में निःशुल्क काॅम्पिटिशन व ट्रेनिंग केन्द्र में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर बास्केटबाल खिलाड़ी तकनिकी अधिकारी एवं रेलवे सेवा से सेवानिवृत्त वरिष्ठ पत्रकार विनीत लोहिया ने कहा है कि खेलकूद जहां जीवन में अनुशासन, टीम भावना और आपसी सद्भाव सिखाते है वहीं जीत के साथ-साथ पराजय को स्वीकार करना भी सिखाते है।
शिविर में लगभग 40 छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित खेलकूद सत्र में लोहिया ने कहां कि युवा पीढ़ी को कम से कम एक घंटा प्रतिदिन खेल मैदानों की और रूख करना चाहिए। प्रतिदिन पैदल चलना, दौड़ना, साईकलिंग, तैराकी, योग के साथ किसी भी खेलों के माध्यम से खेलों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। व्यायाम और खेलकूद के साथ सात्विक भोजन भी करने से छात्र-छात्राएं अपने भावी जीवन की नींव को मजबूत बना सकेंगे।
उन्होने कहा कि खेल मैदान ही वो जगह होती है जहां हारने वाला खिलाड़ी अथवा टीम भी जीतने वाली टीम को बधाई देते है। खेल जीवन दर्शन की वो सीढ़ी है जहां व्यक्ति घर का स्वाद चख कर जीत की राह तैयार करता है। खेल मैदानों में धर्म और समाज को पीछे छोड़कर आपसी प्रेम और सदभाव सीखने के अवसर मिलते है।
उससे पूर्व संस्था के अध्यक्ष कंवल प्रकाश ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहां कि स्वस्थ जीवन का आधार स्वस्थ दिनचर्या होती है। युवाओं को अधिक से अधिक समय खेल मैदानों पर गुजाने के साथ प्रतिदिन 6 से 8 घंटे अच्छी नींद लेनी चाहिए। पर्यावरण का शुद्व रखने के लिए हर बच्चे को अपने जन्मदिन पर पेड़ पौधे लगाना चाहिए। उन्होने कहां कि कम से कम सप्ताह में एक दिन वाहन का इस्तेमाल नहीं कर प्राकृतिक संपदा की बचत करना चाहिए।
यह निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र गत 27 जून से प्रारम्भ किया गया और आरपीएससी सहित अन्य परीक्षाएं हेतु प्रशिक्षण के साथ-साथ सिलाई, कुकिंग क्लासेज भी लगाई जाती है। इच्छुक प्रशिक्षणार्थी सेवाघर में सम्पर्क कर सकेगा।

कंवल प्रकाश
9829070059

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