गणिनी आर्यिका 105 संगम मति माताजी ने आज विद्यासागर तपोवन में प्रवचन देते हुए कहा कि जब तक जीवन में संकल्प विकल्प रहते हैं तब तक आत्मा की भावना आत्मा स्वरूप में स्थिरता या परमात्मा की प्राप्ति संभव नहीं है आज का प्राणी दिन रात संकल्पों विकल्पों में ही घूमता रहता है लेकिन संकल्प विकल्प भी बने रहे और आत्मा का ध्यान भी हो जाए दोनों बातें एक साथ संभव नहीं है यह जीव राग द्वेष रूपी दो पाटों के बीच पीस रहा है आज ही नहीं अनादि काल से यह चला आ रहा है चक्की चलती देखकर दिया कबीरा रोय दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोई ऑकुलता संसार में दुख देती है यह सत्य है
णमोकार जाप अनुष्ठान बना हुआ है आकर्षण का केंद्र विद्यासागर तपोवन में चल रहे णमोकार महामंत्र अनुष्ठान में दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है रात्रि में 8:00 से 9:00 चलने वाले इस महा अनुष्ठान के अंदर काफी पुरुष एवं महिलाएं भाग ले रही है आज के दिवस पर माणकचंद सचिन बोहरा ने माता जी को शास्त्र भेंट किए एवं पाद प्रक्षालन किए
