प्रभु सेवा में हो जीवन की हर शाम – गणिनी आर्यिका 105 संगम मति माताजी

गुरु मां संगम मति माताजी ने आज विद्यासागर तपोवन छतरी योजना में प्रवचन देते हुए कहा कि जीवन की हर शाम प्रभु के नाम होनी चाहिए यह जीवन प्रभु कृपा से हमें मिला है उसका उपकार हम कभी भूल नहीं सकते मानव जीवन बड़ी मुश्किल से मिलता है यह जीवन पाकर भी हम अगर प्रभु की सेवा ना कर पाए
मनुष्य जीता है तो स्वयं के लिए जीता है स्वयं के के लिए जीना कोई जीना नहीं है उपकार सदाचार जीवन में अपनाएंगे लोगों का भला करेंगे तो ही मानव जीवन की सार्थकता है यह भी एक धर्म है
कभी-कभी लगता है कि हम गलती नहीं करते क्योंकि हम अपना मूल्यांकन नहीं कर पाते हैं जब स्वयं को मूल्यांकन नहीं होता है तो गलतियां बढ़ती जाती है इसलिए जीवन में कोई निंदा करने वाला भी होना चाहिए ताकि अपनी गलतियों का एहसास हो सके और हम उसे सुधार सकें
णमोकार महामंत्र अनुष्ठान में आज अतुल रोमा डिलवारी परिवार ने अनुष्ठान का पुण्य प्राप्त किया जागृति मंच की ओर से स्वागत और अभिनंदन किए गए दमोह से पधारे हुए भूपेंद्र जी जैन का मंच की ओर से स्वागत अभिनंदन किया गया अनुष्ठान के पूर्व आचार्य सिद्धांत सागर जी महाराज की आरती एवं संगम मति माताजी की आरती की गई सुनील जैन होकरा महावीर अजमेरा सुनील पालीवाल गौरव पाटोदी आदि उपस्थित थे
दिनांक 13 अगस्त को पंचशील महिला मंडल की ओर से णमोकार महामंत्र अनुष्ठान जाप किया जाएगा

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