श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ अंतर्गत पुष्कर रोड़ स्थित विजय कलापूर्ण सूरि आराधना भवन में पर्यूषण पर्व के चतुर्थ दिवस, मुनि भगवंत को कल्प सूत्र वहोराया गया। उसके पहले कल्प सूत्र की अष्ट प्रकारी पूजा एवं पाँच ज्ञान पूजा हुई।
मुनि भगवंत ने कहा इस कल्पसूत्र ग्रंथ के रचियता भद्रबाहु स्वामी थे, आज प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान एवं अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी काल का उल्लेख किया एवं साथ ही दूसरे तीर्थंकर अजितनाथ भगवान से लेकर तेईसवें तीर्थंकर पाश्र्वनाथ भगवान काल का विश्लेषण कर उल्लेख किया, भगवान महावीर स्वामी का चरित्र बतलाते हुए कहा भगवान के पांचों कल्याणक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में हुए।
मंत्री रिखबचंद सचेती ने कहा कल कल्पसूत्र वाचन अंतर्गत भगवान महावीर का वाचन एवं जन्म, त्रिशला माता ने चौदह महास्वप्न देखे उत्कृष्ट भाव से उल्लेख किया जायेगा।
रिखबचंद सचेती
मंत्री