मासूम जय की मौत को लेकर सडकों पर उतरे लोग

कलेक्टेट पर प्रदर्शन कर लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
कलेक्टर ने किया अस्पताल अधीक्षक को पाबंद।
कार्रवाई नहीं होने पर दी अजमेर बंद की चेतावनी

अजमेर । पुरानी मंडी निवासी एमपीएस स्कूल के छात्र आठ वर्षीय जय वर्मा की मौत के मामले में जेएलएन अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज समस्त नामदेव समाज सहित विभिन्न समाजिक संगठनों ने नारजागी जताते हुए सडकों पर उतरकर प्रदर्शन किया। मंगलवार सुबह साढे दस बजे लोग गांधी भवन चौराहे पर एक़ित्रत हुए। इसमें स्कूली बच्चों सहित विभिन्न सगठनों के पदाधिकारी थे। जुलूस गांधी भवन चौराहे से शुरू होकर कलेक्टेट पहुंची। यहां एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर वैभव गालरिया से मिलकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक चौधरी को 3 जनवरी को होने वाले मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक में पूरे मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पाबंद किया।  
बच्चों के प्रति संवदेनशीलता बनें 
रैली में शामिल समाज के लोगों ने बच्चों को सही उपचार उपलब्ध कराने की मांग करते हुए जमकर नारे लगाए। लोगों ने अस्पताल की विभिन्न सुविधाओं को दुरस्त करने के लिए संदेश लिखी तख्तियां भी ले रखी थी। रैली में लोगों ने सेव द चाइल्ड, अस्पताल प्रशासन जागो, एक-एक बच्चा कीमती हैं। मिलकर करें बदलाव की शुरूआत के संदशों की तख्तियां ले रखी थी। 
कलेक्टर से मिला प्रतिनिधि मंडल 
कलेक्टेट पर जुलूस को पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। इसके बाद सात लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिला। कलेक्टर ने प्रतिनिधि मंडल के सामने अस्पताल अधीक्षक डा अशोक चौधरी को फोन कर मामले की जानकारी मांगी। बातचीत के अंत में कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक को 3 जनवरी को होने वाली मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक से पहले सारी जांच कर कार्रवाई प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर से मुलाकत करने के बाद जुलूस संभागीय आयुक्त कार्यलय पहुंचा। यहां अतिरिक्त संभागीय आयुक्त हनुमानसिंह भाटी को ज्ञापन देकर मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की।
नहीं तो होगा अजमेर बंद
अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को ज्ञापन के दौरान समस्त नामदेव समाज और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने चेताया कि मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी मेडिकल कर्मियों के खिलाफ 3 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर बडा आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रतिनिधियों ने अजमेर बंद कराने की चेतावनी दी। 
कलेक्टर ने किया आश्वस्त 
नव गठित सेव द चाइल्ड संस्था की ओर से कलेक्टर के सामने  शिशु रोग विभाग की केयर टेकिंग का प्रस्ताव रखा गया। कलेक्टर ने संस्था के प्रस्ताव के प्रति सकारात्मक रूख अपनाते हुए आश्वस्त किया कि प्रस्ताव को पूरी तरह तैयार कर समाजिक संगठनों को अस्पताल की व्यवस्थाओ से जोडने की योजना पर काम करेंगे। 
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने उठाया कदम 
अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देने के बाद प्रतिनिधि मंडल ने अस्पताल अधीक्षक से मुलाकात कर जांच को तय समय सीमा में पूरा करवाने की मंाग की। इसके बाद मेंडिकल कॉलेज के प्राचार्य से बात की गई। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने अस्पताल अधीक्ष्क को दो दिन में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने शिशु रोग विभाग में वेंटीलेकर की सुविधा और केद्रीय कृत ऑक्सीजन सिस्टम को शुरू करने के निर्देश दिए। 
मुख्यमं़त्री कार्यालय ने शुरू की जांच 
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी जय वर्मा की मौत के मामले में जांच की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई हैं। मेडिकल कॉेलज प्राचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार को एक पत्र मिला है। पत्र में बच्चे की मौत के मामले में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जुलूस का नेतृत्व करने वालों में समस्त नामदेव समाज के प्रभुसिंह, दीनदयाल, राम किशन, हेमंत वर्मा, एडवोकेट भवानी रोहिल्ला, कमलेश वर्मा, बुद्धदेव गोठवाल, के सी मोयल, मूलचंद, सेव द चाइल्ड संस्था के कंवल प्रकाश किशनानी, मनोज शर्मा, कीर्ति पाठक,रोकेश वर्मा, सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सहित बडी संख्या में महिलाएं थीे। 

उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को रात साढे ग्यारह बजे मासूम जय वर्मा को जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान 14 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद अस्पताल अधीक्षक की ओर से मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई गई थी लेकिन 28 दिन बीतने के बाद भी न तो कोई जांच हुई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई। इससे नाराज समस्त नामदेव समाज ने मंगलवार को जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन करते हुए बडे आंदोलन की चेतावनी दी। 
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