कांग्रेसियों ने किया मुख्यमंत्री से गोवंश के पुनर्वास के लिए पुख्ता व्यवस्था करने का आग्रह

अजमेर ! महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति अजमेर के संयोजक एवं पूर्व विधायक डॉ श्री गोपाल बाहेती अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव शिव कुमार बंसल महेश चौहान अशोक बिंदल एवं डॉ संजय पुरोहित ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर लंपी वायरस स्किन डिजीज संक्रमण से उबरे गोवंश के पुनर्वास की पुख्ता व्यवस्था करने का आग्रह किया है।

कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि गजट ऑफ इंडिया नोटिफिकेशन असाधारण 26 मार्च 2001 द्वारा भारत सरकार ने जिला स्तर पर आवारा एवं शोषित प्राणियों के लिए पशु क्रूरता निवारण समिति की स्थापना के निर्देश प्रदान किए थे एवं 12 जुलाई 2018 को भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा एक एडवाइजरी जारी कर आवारा एवं निराश्रित पशुओं के कल्याण एवं पुलिस पुनर्वास हेतु एडवाइजरी जारी की थी परंतु राजस्थान के किसी भी जिले में आज तक इस इस विषय पर कोई सकारात्मक कार्य योजना नहीं बन पाई हैं।

उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने गोवंश संरक्षण एवं सम्वर्धन के लिए अनुकरणीय कार्य किया है तथा देश में राजस्थान ही एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां पर गौ सेवा के लिए राजस्थान गोसेवा आयोग की स्थापना की गई है ! सरकार ने लंपी वायरस स्किन डिजीज संक्रमण में गौवंश को निजात दिलाने के लिए बेहतर प्रबंधन किया है।

उन्होंने पत्र में लिखा कि लंपी वायरस स्किन डिजीज संक्रमण से उबरे हुए गौवंश के लिए कुछ स्थाई निदानात्मक सहयोग एवं सरकार के संरक्षण की आवश्यकता है। गैजेट ऑफ इंडिया नोटिफिकेशन (असाधारण), 26 मार्च 2001 द्वारा भारत सरकार ने प्रति जिला स्तर पर आवारा एवं शोषित प्राणियों के लिए पशु क्रूरता निवारण समिति की स्थापना को 6 माह के भीतर आवश्यक रूप से स्थापित किए जाने के आदेश पारित किए थे , जिनकी अनुपालन मात्र एक औपचारिक खानापूर्ति के रूप में की गई। अजमेर सहित राजस्थान के अनेक जिलों में आजतक इस विषय पर कोई सकारात्मक कार्य योजना तक नहीं बन पाई है।इस कोताही के दृष्टिगत 12 जुलाई 2018 में पुनः भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने एक एडवाइजरी जारी कर के आवारा व निराश्रय पशुओं के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु त्वरित कार्रवाई करने संबंधी निर्देश सभी राज्यों के सभी निकायों के उच्चतम प्रशासनिक अधिकारियों को भेजे थे ,किंतु इसकी अनुपालना में भी जिला स्तर पर कोई भी पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई है।

अजमेर जिले में प्रशासन द्वारा सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पर लंपी ग्रस्त गौवंश का उपचार और अस्थाई ठहराव भी किया किंतु अब जबकि लंपी को लेकर इसके पुनः प्रभावी होने, गौवंश के मालिकों के बारे में सुनिश्चित जानकारी न होने और इनके लिए कोई वैकल्पिक ठहराव निश्चित न होने की स्थिति में आपसे आग्रह है कि भारत के संविधान में वर्णित एवं वैधानिक रूप से प्रभावी होने वाली अनुशंसाओं को गौहित में प्रभावी करवाने के निर्देश प्रदान करें।

कांग्रेसियों ने पत्र में लिखा कि गौचर जमीन श्रेणी में होने वाले स्थान पर इन निशक्त, बीमार और निराश्रित गौवंश के पुनर्वास हेतु गाइडलाइंस एवं प्रावधान त्वरित एवं प्रभावी रूप से किए जाने हेतु निर्देश प्रदान करें । आपदा की इस विषम स्थिति में यदि इन गौवंश के लिए कोई पुनर्वास केन्द्र नहीं बनाया गया तो जहां एक ओर ये संतप्त प्राणी बीमार एवं कमजोर होने के कारण यातनामय जीवन अथवा मृत्यु के ग्रास बन जायेंगे वहीं दूसरी ओर स्वयंसेवी एनजीओ एवं कार्यकर्ताओं द्वारा की गई निस्वार्थ सेवा और समर्पण पर अमानवीय कुठाराघात हो जायेगा।

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