संसारी प्राणी जन्म मरण के कारण नही लोभ के कारण दुखी रहता है-वैराग्य नंदी जी महाराज

आपसी प्रेम व सम्मान के द्वारा समाज उन्नति का कारण बनता है – हम मूल्य और उद्देश्य की पहचान करके इसे बहुमूल्य बना सकते हैं
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केकड़ी 19 नवंबर1(पवन राठी) / बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर परिसर में आचार्य वैराग्य नंदी जी महाराज ने धर्मसभा में अपने प्रवचन के दौरान कहा कि संसारी प्राणी जन्म मरण के कारण इतना दुःखी नहीं है बल्कि माननीय लोभ के कारण दुःखी रहता है ।संसारी मानव अपने धर्म स्वरूप एवं धर्मागम को नहीं समझ पा रहा है कि उसका सैद्धांतिक तर्क क्या है और अपनी रुढिवादी परंपरा का निर्वहन करता चला आ रहा है ! आपसी प्रेम व सम्मान के द्वारा समाज उन्नति का कारण बनता है । हम मूल्य और उद्देश्य की पहचान करके इसे बहुमूल्य बना सकते हैं।
इससे पूर्व संघस्थ मुनिश्री सौरभनन्दी श्री महाराज ने कहा कि गुरु के द्वारा किए गए उपकार को कभी नहीं भूलना चाहिए ,तथा हमें गुरु उपकार से मुनि पद धारण करते हुए अपने मोक्ष मार्ग का रास्ता प्रशस्त करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।
आचार्यश्री के मुखारविन्द से शांतिधारा, नित्य नियम पूजन एवं श्री नेमिनाथ मंदिर में आचार्यश्री संघ के सानिध्य एवं ब्रह्मचारी जिनेश भैया जयपुर के निर्देशन में तथा नैनवाँ की संगीत पार्टी के संगीत के साथ श्रीशांतिनाथ मंडल विधान धार्मिक उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ ।
कल 20 नवम्बर को दीक्षा जयंती व नेमिनाथ नासियाँ के शिलान्यास समारोह के पश्चात आचार्य श्री का विहार बघेरा की ओर होगा।

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