पार्श्वनाथ कॉलोनी में आज गणिनी आर्यिका 105 यशस्विनी माताजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि कभी भी जीवन में अर्थ का अनर्थ ना करें हर हर व्यक्ति की एक जीवन शैली होती है वह उसको उसी हिसाब से जीता है लेकिन व्यवहारिक मूल्यों में उसको खरा उतरने की आवश्यकता है बातों ही बातों में वह अर्थ का अनर्थ कर डालता है
समझदारी पूर्ण कार्य करने से कार्य को प्रगति मिलती है और कार्य करने वाले को सफलता भी प्राप्त होती है लेकिन हर जगह तर्क वितर्क करने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है
मनुष्य को अपनी भाषा बोली पर संयम रूपी लगाम अवश्य लगानी चाहिए ताकि संयमित रूप से जीवन जी को सके
पुराणों में लिखा हुआ है की संगत सदैव सज्जनों की हो दुर्जन व्यक्ति की आपको दुर्गम स्थल पर ही ले जाएगा और आपकी दुर्गति हो जाएगी सज्जन व्यक्ति सज्जनता के साथ सत मार्ग की और आपको आगे बढ़ाएगा इसलिए कभी भी गलत लोगों से दोस्ती व्यवहार नहीं रखना चाहिए
आज की सभा में इंदू पाटनी ने मंगलाचरण किया सभा में सुनील होकरा राजेश काला सुनील पालीवाल आदि उपस्थित थे