केकड़ी 28 दिसम्बर(पवन राठी) खटीक समाज कल्याण बोर्ड गठन की मांग को लेकर केकड़ी खटीक समाज के लोगों ने बुधवार को अध्यक्ष खटीक समाज गिरिराज चावला एवं अध्यक्ष खटीक समाज कर्मचारी अधिकारी समिति कैलाशचन्द चावला के संयुक्त नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी केकड़ी को ज्ञापन दिया गया। प्रहलाद सामरिया एवं सीताराम तंवर ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन बड़ी विडम्बना है कि अभी भी देश में अस्पृश्यता, भेदभाव, छुआछूत का दंश अनुसूचित जाति का खटीक समाज सहन कर रहा है। बंशीलाल दायमा एवं सुरेन्द्र सामरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न समाजों की दशा सुधारने के लिए माटी कल्याण बोर्ड, विप्र कल्याण बोर्ड, चर्म कल्याण बोर्ड, रजक कल्याण बोर्ड, महात्मा ज्योति बा फूले कल्याण बोर्ड का गठन करके समाजों की दशा सुधारने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है।
कालूराम सामरिया एवं हुकमचन्द परेवा ने बताया कि खटीक समाज के व्यक्ति फेरी का काम करके लोहा प्लास्टिक कपड़े की मजदूरी करते हैं। ग्रामीण स्तर पर समाज के लोग भेड़ बकरी पालन करके जीवन यापन करते हैं। रामप्रसाद चन्देल एवं देवीलाल खींची ने बताया कि निःसंदेह खटीक समाज कल्याण बोर्ड के गठन के बाद समाज की दशा में सुधार होगा व समाज प्रगति करेगा। राजकुमार चावला एवं राजेश खींची ने बताया कि खटीक समाज आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं शैक्षणिक स्तर पर अत्यन्त पिछड़ा हुआ है। कालूराम चन्देल एवं मनोहर चंदेल ने बताया कि समाज के लोगों का परम्परागत पुश्तैनी कार्य जैसे बकरी, बकरा पालन एवं उनका क्रय विक्रय, भेड़ पालन, खेती बाड़ी करना आदि कार्य हैं, इन कार्यांे द्वारा भी इनका भरण पोषण करते हैं। रामप्रसाद बूंलीवाल व सीताराम बड़गुर्जर ने बताया कि शिक्षा के अभाव में हमारा समाज पूर्ण रूप से राज्य सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर है।
सुरेन्द्र दायमा एवं राजू जगरवाल ने बताया कि राजस्थान खटीक समाज विकास बोर्ड का गठन किया जाना आवश्यक है। समाज के बेरोजगारों को जो राजस्थान के सभी जिलों में काफी तादाद में निवास करते हैं, उनको अपने पुश्तैनी कार्य हेतु प्रेरित किया जा सके तथा बैंकों के माध्यम से सरकार से सहयोग लेकर उन्हें नियोजित किया जा सके। राजस्थान खटीक समाज विकास बोर्ड इसका माध्यम बन सकेगा।
इस ज्ञापन देने में नेारतमल सांखला, घनश्याम बुरासिया, शंकरलाल खींची, अशोक तंवर, सुरेश दायमा, अमरचन्द जगरवाल, भागचन्द दायमा, रमेश दायमा, नाथूलाल दायमा आदि समाज बन्धु उपस्थित थे।
