संस्कारों की जननी है नारी -यशस्विनी माताजी

वैशाली नगर पार्श्वनाथ कॉलोनी में चल रहे दो दिवसीय महिला संस्कार शिविर के दौरान आज प्रथम दिन माताजी ने कहा कि नारी अगर संस्कार युक्त है तो वह परिवार समाज और देश का नाम सर्वोच्चता की ओर ले जाती है नारी स्त्री भी है नारी मां भी है नारी पत्नी भी है नारी बहन भी है सभी कसौटी पर एक नारी को खरा उतरना होता है जब तक संस्कारों की आधारशिला नारी में नहीं होगी तब तक किसी भी रिश्ते को पवित्रता के साथ नहीं निभाया जा सकता वर्तमान परिस्थितियों में इस अवधारणा को स्थापित करना मुश्किल हो गया है लेकिन धर्म क्षेत्र एक ऐसा मार्ग है जहां पर संस्कारों की प्राप्ति का रास्ता खुलता है
एक मां गर्भ से ही अपने संतान की रक्षा करती है उसका लालन-पालन करती है
जन्म के पश्चात अगर मां अच्छे संस्कारों से उस संतान की परवरिश करें तो कभी भी वह संतान गलत दिशा में नहीं जाएगी और अपने माता-पिता की सेवा भी करेगी संस्कारों का बड़ा महत्व महिलाओं को संस्कारवान होना चाहिए शिविर के प्रथम दिन इंदु जैन ने चित्र अनावरण प्रीति जैन ने दीप प्रज्वलन एवं प्रेमलता सुनीता बड़जात्या ने पाद प्रक्षालन किए

जागृति मंच के अध्यक्ष सुनील जैन बड़जात्या ने बताया कि 9 जनवरी को प्रातः काल 8:30 बजे मुनि श्री 108 संबुद्धसागरजी महाराज का आगमन प्रातकाल प्रवचन सभा के लिए होगा जहां मुनि श्री एवं गणिनी आर्यिका 105 यशस्विनी माताजी के मार्मिक प्रवचन प्रातकाल संत भवन मैं प्रातः 8:30 बजे होंगे मुनि श्री आहार चर्या के पश्चात जिनशासन तीर्थ के लिए विहार करेंगे

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