अजमेर, 17 अप्रेल। वन विभाग द्वारा आयोजित बर्ड वॉचिंग कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को पक्षी दर्शन कार्यक्रम बाण्डी नदी पर आयोजित होगा। उप वन संरक्षक श्री सुनिल चिद्रि ने बताया कि महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग में दो दिवसीय संभागीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन मंगलावार से आरम्भ हुआ। यह कार्यशाला वन विभाग के अग्रिम पंक्ति स्टाफ तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के स्वयंसेवकों को पक्षी जगत से रूबरू कराने के लिए आयोजित की जा रही हैं।इस कार्यशाला को राजस्थान जैव विविधता बोर्ड, वन विभाग, पर्यावरण विज्ञान विभाग महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय तथा बर्ड कन्जर्वेशन सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा हैं।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला के प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र में पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुब्रतो दत्ता ने अपने उद्बोधन में वैज्ञानिकों तथा सामान्यजन के समन्वय के साथ कार्य करने पर जोर देते हुए वन विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य वन संरक्षक श्री विजय एन ने पक्षियों के महत्व को पहचानने तथा उनके लगातार अन्वेक्षण पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने अजमेर संभाग के चारों जिलों से बीस वन विभाग के अंग्रिम पिंक्त स्टाफ को दीर्घकालिक पक्षी संरक्षण, पक्षियों की जांच सूची, वन्यजीव संचालन और पक्षियाेंं की संरक्षण स्थिति का पता लगाने में पक्षी की भूमिका पर भी जोर दिया तथा पक्षियों को पहचानने के लिए दूरबीन तथा फिल्ड गाईड भी उपलब्ध करवाई।
उन्होंने बताया कि जलीय पक्षियों से सम्बन्धित जानकारी सदन के साथ साझा की गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व विभागाध्यक्ष पर्यावरण विभाग प्रो. प्रवीण माथुर ने पक्षियों को पहचानने तथा उनके पर्यावरण में योगदान पर चर्चा की।कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डॉ. विवेक शर्मा ने पक्षियों की शारीरिक संरचना की जानकारी साझा की। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के प्रांगण में फिल्ड गाईड में दूरबीन का उपयोग करना एवं बर्ड वॉचिंग करना भी सिखाया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला के अगले चरण में मंगलवार को सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे तक आनासागर के बाण्डी नदी बिन्दु पर पक्षी दर्शन कार्यक्रम आयोजित किया जाएागा। साथ ही प्रातः 10.30 बजे से अगले तकनीकी सत्र आयोजित होंगे।