साथ ही प्रदेष के दूध उत्पादक भी गर्व महसूस कर रहे है की राजस्थान भारत वर्ष में दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर आ गया है।
इस हेतु माननीय मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत जी के प्रयासों के लिए आभार।
प्रदेष के मुख्यमंत्री श्रीमान् अषोक गहलोत जी द्वारा विगत वर्षो से पषुपालको के हित में कि गई बम्पर घोषाणाओं के कारण पषुपालको ने विषेष रूचि दिखाई एवं उसका प्रतिफल में हुआ की प्रदेष दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा सर्वप्रथम प्रदेष में दूध संकलन के क्षेत्र में लगभग 1,000 ठडब्ए 2000 ।डब्न्ए तथा हजारो की तादाद में अन्य उपकरण उपलब्ध कराऐ जिससे गावों में दूध संकलन में प्रगति हुई तत्पष्चात् मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पिछले कार्यकाल के अन्तिम वर्ष में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना में 2 रूपये प्रति लीटर देने की घोषणा की जिससे पषुपालको का रूझान बहुत तेजी से दूध उत्पादन में परन्तु बीच के ठश्रच् का शासन आने से यह योजना बंद कर दी गई।
परन्तु 2018 में पुनः कांग्रेस की सरकार आने पर मुख्यमंत्री जी ने 2 रूपये प्रति लीटर योजना पुनः प्रारम्भ की इतना ही नहीं गत वर्ष जिला दुग्ध संघों की मांग पर 2 रूपये के स्थान पर मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना 5 रूपये प्रति लीटर प्रारम्भ की इससे पषुपालकों के कोरोना के दौरान जीवन रेखा के रूप में भरपूर योगदान किया माननीय मुख्यमंत्री जी ने गत वर्ष गायों में आई लम्पी बीमारी के दौरान भरपुर कदम उठाये एवं लम्पी बीमारी से गाय/भैंस की मृत्यु हो जाने पर प्रति गाय 40000 रूपये दिये जाने का प्रावधान किया एवं निःषुल्क 2 गाय/भैंस का बीमा करवाये जाने का प्रावधान भी किया गया है।
इसके अतिरिक्त पषुओं के चिकित्सा हेतु समस्त दवाईयां निःषुल्क प्रारम्भ कि गई एवं प्रदेष में 5 साल के कार्यकाल में लगभग 2500 पषु चिकित्सा उपकेन्द्र एवं पषु चिकित्सालय प्रारम्भ किये।
अतः अब प्रत्येक पंचायत स्तर पर पषु उप स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ कर दिए है यहाँ पर न्यूनतम स्टाफ लगाने का भी अथक प्रयास किया गया। पषुपालन विभाग द्वारा 900 पषु चिकित्सालय एवं 2500 पषुधन सहायको की भर्ती न्यायालय के आदेष के कारण रूकी हुई है जो आगामी दिनांे में प्रारम्भ होगी।
मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से ही अजमेर में देष के सर्वोत्तम आधुनिक तकनीक का ग्रीन प्लांट लगाया गया है। आज अजमेर सरस डेयरी जिला का प्लांट देष के सर्वोच्चत्तम प्लांट की श्रेणी में आता है। भीलवाड़ा, जयपुर में भी आधुनिक प्लांट लग चुके है। मुख्यमंत्री जी की उपरोक्त सहयोग के कारण त्ब्क्थ् ने 1 दिन में 52 लाख लीटर दूध एकत्रित करने का किर्तीमान स्थापित किया इसी प्रकार अजमेर संघ ने लम्पी बीमारी से ग्रसित होने के दौरान भी 4.50 लाख लीटर दूध एकत्रित किया एवं इस सहकारी वर्ष में अप्रैल से अब तक लगभग 4 लाख लीटर दूध प्रतिदिन संकलित किया जा रहा है। जिसमें से दूध एवं दूध के उत्पादक 3 लाख लीटर प्रतिदिन विक्रय किया जा रहा है जो की अपने आप में पिछले 50 वर्षो में किर्तिमान है। अजमेर डेयरी द्वारा दूध के 56 उत्पाद निर्मित किए जा रहे है। जो अजमेर जिले के अतिरिक्त प्रदेष एवं देष के विभिन्न क्षेत्रो में विक्रय के लिए भेजे जा रहे है।
मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य रूप से दूध उत्पादन की वृद्धि के लिए उन्नत नस्ल के पषुधन तैयार कराया गया पषुधन के लिए उन्नत किस्म का पषु आहार उपलब्ध कराने हेतु प्रदेष में 8 पषु आहार सयंत्र स्थापित कर रखे है जो पषुपालको को भरपुर मात्रा में पषु आहार उपलब्ध करा रहे है। पषुधन के पोषण के लिए चारा भी आवष्यक अंग होता है इस हेतु विगत वर्षो में मुख्यमंत्री महोदय ने निःषुल्क/अनुदानित दर पर चारे के बीज उपलब्ध कराऐ है। जिससे प्रदेष में चारे की काफी हद तक कमी दूर हुई है हरे चारे के खेत को सुरक्षित रखने के लिए तारबंदी करने पर राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री महोदय ने जिला संघों के ैडच् च्वूकमत शत प्रतिषत खपत बढ़ाने के लिए प्रथम चरण में सप्ताह में 2 दिन का बाल गोपाल योजना (मिड-डे-मील योजना) विधालयों में प्रारम्भ किया परन्तु प्रदेष के पषुपालको की मांग के मध्यनजर रखते हुए मिड-डे-मील को 2 दिन के स्थान पर 6 दिन करने का ऐतिहासिक निर्णय स्कूली बच्चो के लिये किया गया। इससे लगभग 7000 मेट्रिक टन पाउडर का उपयोग हो सकेगा। मुख्यमंत्री जी ने प्रतिकिलो पाउडर की दर 1 जुलाई से 421 रूपये प्रतिकिलो के खरीद मूल्य के आदेष जारी किए है जो की ना केवल भारत में अपितु विष्वभर में सर्वाधिक दर है। यह दर इसलिये घोषित की गई प्रदेष में जिला संघो द्वारा जो दूध उत्पादको को क्रय दर 55 रूपये से 60 रूपये औसत दी जा रही है।
वह दिपावली तक दी जा सके एवं पषुपालको का दूध उत्पादन में रूझान निरन्तर बना रह सके एवं राजस्थान दूध उत्पादन में देष में प्रथम स्थान पर बना रह सके।
मुख्यमंत्री महोदन ने गायों के लिए अगाध प्रेम दर्षाते हुऐ प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक गौषाला एवं पंचायत समिति स्तर पर नंदीषाला का गठन करवा रहे है जिसमें गायो का पालन पोषण हो सके। इस हेतु 2350 करोड़ को बजट का आंवटन किया जा चुका है।
उपरोक्त पाउडर के रिजर्व कोटा रखने के कारण जिला संघों को पषुपालको के भुगतान में आ रही समस्याओं के समाधान हेतु वित्त विभाग से त्ब्क्थ् को आदेष जारी किऐ है की 500 करोड़ के लगभग त्मअवसअपदह थ्नदक रखने हेतु किसी बैंक से तत्काल लोन लेकर जिला संघो को उनकी आवष्यकता अनुसार पाउडर के पेटे अग्रिम भुगतान जारी करे उसमें लगने वाला ब्याज जिला संघो द्वारा वहन किया जायेगा जिससे पषुपालको का भुगतान समय पर किया जा सकेगा।
ज्ञात रहे की दूध का व्यवसाय अथवा पषुपालन देष में ज्यादातर सीमान्त, भूमिहीन, किसान, महिलांऐ एवं मजदूर तबका ही करता है। अतः यह ग्रामीण विकास के अर्थव्यवस्था का मुख्य केन्द्र है। यदि भारत सरकार नोटबन्दी एवं जी.एस.टी लागू नहीं करती तो पषुपालक और ज्यादा प्रगति करते एवं उनकी आर्थिक स्थिति भी तेजी से बदलती इससे प्रधानमंत्री जी की 2016 में की गई घोषणा की मैं 2022 तक पषुपालकों की आय दुगनी कर दुंगा परन्तु यह केवल थोथी घोषणा ही साबित हुई।
अजमेर में आयोजित आमसभा में माननीय प्रधानमंत्री ने पषुपालकों के कल्याण पर एक शब्द भी नहीं बोला ऐसे में प्रतीत होता है कि पषुपालको की उन्हें परवाह नहीं है और यह उनकी मनोस्थिति को प्रकट करता है की इनकी कथनी और करनी में अंतर है।
(रामचन्द्र चौधरी)
अध्यक्ष