*धर्म आराधना के लिए मन बनाना आवश्यक – साध्वी धैर्यप्रभा*
ब्यावर। प्राज्ञ भवन में आयोजित धर्मसभा में विराजित महासतीयां साध्वी धैर्यप्रभा का जन्मदिवस तप एवं धर्म आराधना के साथ मनाया गया।
श्री जैन दिवाकर संघ के मंत्री हेमन्त बाबेल ने बताया कि महासतियाँ जी के जन्मदिवस पर कोटा, पाली, बड़ी सादड़ी, भवानी मंडी, हरियाणा आदि क्षेत्र से श्रावक श्राविका गण पधारे। महासतियाँ जी का चतुर्मास गांधी आराधना भवन में होगा। यह ब्यावर का सौभाग्य है कि महासतियाँ जी का पावन चातुर्मास ब्यावर को प्राप्त हुआ।
*किसी भी कार्य को करने के लिए मूड होना आवश्यक – साध्वी धैर्यप्रभा*
महासती धैर्यप्रभा ने धर्मसभा को धर्मदेशना देते हुए कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए उसका मूड/ मन होना आवश्यक हैं तभी उस कार्य की साथर्कता हैं। आप सामयिक वेश में बैठे है पर सामयिक करने का मन न हो तो क्या हम सामायिक का आनंद ले पाएंगे। यह बात श्रावको के साथ हम पंचमहाव्रतधारी साधु साध्वियों पर भी लागू होती हैं।
*गुरुणीमैया ने सदैव जिनशासन प्रभावना पर दिया जोर- साध्वी धार्मिकप्रभा*
साध्वी धार्मिकप्रभा ने गुरुणीमैया धैर्यप्रभा जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बाल्यकाल, वैराग्यकाल और साध्वी बनने के बाद के कई विशेष बातों से जनसभा को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महासतियाँ जी ने अपनी संस्कृत शिक्षिका की सरकारी नौकरी और संसार का त्याग कर अपने गुरु धर्ममुनि जी की आज्ञा से साध्वी जीवन को अपनाया।
*जन्मदिवस पर संयम जीवन में उत्तरोत्तर वृद्धि की शुभकामनाएं दी*
महासती जी को साध्वी धृति प्रभा, साध्वी धीर प्रभा ने सुमधुर आवाज में गीत के साथ, जैन दिवाकर बहु मण्डल से सन्ध्या कोठारी और रुची गादीया ने, वीर संघ अध्यक्ष महेंद्र सांखला , जयमल जैन श्रावक संघ मंत्री दुलीचन्द मकाना, प्राज्ञ संघ मंत्री महावीर लूणावत, बड़ी सादड़ी संघ एवं युवा संघ, पारसमल श्रीमाल आदि ने अपने विचारों के साथ महासतियाँ जी को संयम एवं जिनशासन में उत्तरोत्तर वृध्दि की शुभकामनाएं दी।
धर्मसभा में विभिन्न संघ के पदाधिकारी एवं श्रावक श्राविकागण उपस्थित रहे।
पारसमल श्रीमाल – 9461235535
रूपेश कोठारी
मीडिया प्रभारी