बेरोजगार युवाओं के साथ सरकार का छलावा, प्रदेश का युवा बेरोजगार वर्ग हताशा और निराशा में डूबता जा रहा है।
-राजस्थान में पेपर लीक और समय पर भर्ती पूरी ना होने पर, आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर राजस्थान में – देवनानी
देवनानी ने महात्मा गांधी सेवा प्रेरको की नियुक्ति और उनके कार्यकाल अवधि पर भी सवाल खड़े किए और कहा की सरकार को अगर वाकई में बेरोजगारों की चिंता होती तो इन प्रेरकों का कार्यकाल महज एक वर्ष का ही क्यों रखा गया। साथ ही महज 4500 रुपए मासिक मानदेय दिया जाएगा। इससे स्पष्ट होता है की सरकार की मंशा बेरोजगारों को राहत देने की जगह अपने कार्यकर्ताओ को चुनावी साल में सरकारी खर्च पर उपकृत करना है। देवनानी ने आरोप लगाया की चयनित प्रेरकों को गांधी दर्शन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जायेगा जहां खुद कांग्रेसी कार्यकर्ता पहले से बैठे हुए है।
देवनानी ने कहा की बीते साढ़े चार साल में 18 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके है। आरपीएससी और अधिनस्थ बोर्ड की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। पेपर लीक कांड मैं आरपीएससी का सदस्य को गिरफ्तार होना चिंताजनक विषय। सदस्य द्वारा करोड़ों रुपए लेकर, पेपर लीक सरगनाओं को पेपर बेचा गया। जांच के नाम पर कांग्रेस सरकार के द्वारा लीपापोती होती है। सरकार बेरोजगारों के मुद्दे पर कतई संवदेनशील नही है। भर्ती परीक्षाएं समय पर पूरी नहीं हो रही जिसके चलते कई युवा ओवरएज हो रहे है। भर्ती परीक्षाओं को पूरा होने में औसतन दो से तीन साल लग रहे है। पेपर लीक से लेकर प्रश्नों पर विवाद और कोर्ट में लंबित मामलों के चलते प्रदेश का युवा बेरोजगार वर्ग हताशा और निराशा में डूबता जा रहा है