-सत्रावसान ना कर सरकार ने घोंटा लोकतांत्रिक परंपराओं का गला- देवनानी
– विधानसभा में रोज एक मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे – देवनानी
– पेपर लीक ,महिला अत्याचार टूटी हुई सड़के, बिजली, पानी, आपदा प्रबंधन और कानून व्यवस्था के मुद्दे उठाए जायेंगे – देवनानी
देवनानी ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा की आज जनता हर मोर्चे पर खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही है और सरकार सिर्फ चुनावी लोक लुभावन काम कर गुमराह कर रही है। देवनानी ने कहा की सरकार ने पिछले सत्र का सत्रावसान नही कर विधायको द्वारा जनता के मुद्दे उठाए जाने पर रोक लगा दी लेकिन भाजपा पीछे नहीं हटेगी और विधानसभा में जनता की आवाज को बुलंद करेगी। रोज एक मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा जायेगा जिसमे कानून व्यवस्था, बिजली तंत्र, आपदा प्रबंधन और सीवरेज, पानी की समस्या जैसे मुद्दे रहेंगे जिसको लेकर जनता त्रस्त है और सरकार मस्त हो रखी है।
देवनानी ने कहा की इन मुद्दों के अलावा अजमेर की दो बड़ी समस्याओं का भी वे सदन में जिक्र करने वाले है जिसमे शहर को 48 घंटे में पेयजल आपूर्ति करने और गंदे व असमान जल वितरण के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने के संबंध में है। देवनानी ने कहा की भाजपा सरकार में अजमेर में 48 घण्टे में पेयजल आपूर्ति होती थी लेकिन आज बीसलपुरा बांध भरा होने के बाद भी 72 से 96 घण्टे में पानी मिल रहा है। शहर में पेयजल का वितरण सिस्टम पूरी तरह चरमराया हुआ है। इंजिनियर्स की मिलीभगत के चलते कहीं 24 घण्टे में ही पानी मिल रहा है तो कहीं 96 घण्टे में भी पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। पंचशील, वैशालीनगर, हरिभाउ उपाध्याय नगर, ज्ञानविहार, शांतिपुरा, आतेड, किशनगंज, यूआईटी कॉलोनी, कीर्ति नगर, राज कॉलोनी, स्वास्तिक नगर सहित सम्पूर्ण अजमेर क्षेत्र से प्रतिदिन पेयजल संबंधित शिकायतें मिल रही है। अजयसर, खरेकडी, हाथीखेडा, बोराज, लोहगल, माकडवाली इत्यादि गांवों के तो और भी बुरे हाल है। यहां 6 दिन में एक बार ही पानी नसीब हो रहा है। असमान पेयजल आपूर्ति एक बडी समस्या है। पानी का समान वितरण हेतु ब्लंक मीटर लगाए जाए ताकि जोन में कुल कितने पानी का वितरण हुआ, का मालूम हो सके। पेयजल लाइनें लीकेज एक बडी समस्या है। 30 प्रतिशत पानी लीकेज के चलते सडकों पर बह जाना निश्चित ही चिंता का विषय है। व्यक्तिगत प्रयास से 13 ट्यूबवेल स्वीकृत हुए जो 31 मई तक खुदने थे परंतु पूरी गर्मी निकल जाने के बाद भी महज 8 ट्यूबवेल ही खुद सके है। इसके लिए निश्चित ही इंजिनियर्स की लापरवाही सामने आई है जिन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। शहरवासी पेयजल समस्या से त्रस्त है। गुस्साई लोगों द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कई बार प्रदर्शन तक किया जा चुका है लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही रहे है।
इसके साथ ही शहर के ड्रेनेज सिस्टम को स्थाई रूप से दुरूस्त करने एवं बदहाल सडकों की तत्काल मरम्मत कराए जाने का मुद्दा भी उठाया जाएगा। देवनानी ने कहा की जिस तरह मानसून की पहली बरसात ने ही अजमेर शहर और प्रशासन के हाथपांव फूला दिए। ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो गया। समय पर नालों की सफाई नहीं होने और बरसाती पानी की निकासी की सुचारू व्यवस्था नहीं होने से शहर की सडकें दरियां और कॉलोनियां समंदर बन गई। शहरवासी पूरे 5 दिन तक घरों में कैद होने को मजबूर हुए। ऐसे में आनासागर के आस-पास की कॉलोनियों के तो हालत और भी खस्ता थे। जलमग्न सडकों पर पग-पग पर बने गहरे गडढों ने ‘कोढ में खाज’ का काम किया।
देवनानी ने कहा की शहर में आज भी सीवरेज ओवरफ्लो है। प्रशासन स्मार्ट सिटी योजना के तहत 14 हजार घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोडने का दावा कर रहा है जबकि हकीकत यह है कि जगह-जगह सीवरेज के चैंबर टूटे पडे है। गंदा पानी सडकों पर बह रहा है। हजारों करोड़ रुपए का बजट मिलने के बाद भी अधिकारियो ने शहर को स्मार्ट सिटी की जगह नर्क सिटी बना दिया।