देवनानी ने सदन में रखा अजमेर में बदहाल जलापूर्ति का मुद्दा

भाजपा सरकार मैं शहर को 48 घंटे के अंतराल मैं जलापूर्ति ,कांग्रेस राज मैं 96 घंटे मैं भी पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है – देवनानी
बीसलपुर बांध लबालब, लेकिन कांग्रेस सरकार के लापरवाह अधिकारियों के कारण अजमेर प्यासा
नियम 295 के तहत शहर में 48 घण्टे में जलाआपूर्ति करने व असमान वितरण के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग।

वासुदेव देवनानी
अजमेर 24जुलाई। पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने सोमवार को विधानसभा में नियम 295 के तहत अजमेर में पानी की समस्या का उल्लेख किया। देवनानी ने शहर में 48घंटे के अंतराल में जलापूर्ति करने और असमान जलापूर्ति के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवहीं करने की बात कही। देवनानी ने कहा की भाजपा सरकार में अजमेर में 48 घण्टे में पेयजल आपूर्ति होती थी लेकिन आज बीसलपुर बांध भरा होने के बाद भी 72 से 96 घण्टे में पानी मिल रहा है।
देवनानी ने बताया की शहर में पेयजल का वितरण सिस्टम पूरी तरह चरमराया हुआ है। इंजिनियर्स की मिलीभगत के चलते कहीं 24 घण्टे में ही पानी मिल रहा है तो कहीं 96 घण्टे में भी पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। जहां पानी आ रहा है वहा भी प्रेशर की समस्या लोगो के लिए परेशानी बन रही हैं। शहर के रामनगर,पंचशील, वैशालीनगर, हरिभाउ उपाध्याय नगर, ज्ञानविहार, शांतिपुरा, गंज,बाबूगढ़,आतेड., कृष्णगंज, यूआईटी कॉलोनी, कीर्ति नगर, राज कॉलोनी, स्वास्तिक नगर सहित सम्पूर्ण अजमेर क्षेत्र से प्रतिदिन पेयजल संबंधित शिकायतें मिल रही है। अजयसर, खरेकडी, हाथीखेडा, बोराज, लोहगल, माकडवाली इत्यादि गांवों के तो और भी बुरे हाल है। यहां 6 दिन में एक बार ही पानी नसीब हो रहा है।
देवनानी ने बताया की असमान पेयजल आपूर्ति एक बडी समस्या है। पानी का समान वितरण हेतु ब्लंक मीटर लगाए जाए ताकि जोन में कुल कितने पानी का वितरण हुआ उसका मालूम हो सके। पेयजल लाइनें लीकेज एक बडी समस्या है। 30 प्रतिशत पानी लीकेज के चलते सडकों पर बह जाना निश्चित ही चिंता का विषय है। उनके व्यक्तिगत प्रयास से 13 ट्यूबवेल स्वीकृत हुए जो 31 मई तक खुदने थे परंतु पूरी गर्मी निकल जाने के बाद भी महज 8 ट्यूबवेल ही खुद सके है। इसके लिए निश्चित ही इंजिनियर्स की लापरवाही सामने आई है जिन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। शहरवासी पेयजल समस्या से त्रस्त है। गुस्साई लोगों द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कई बार प्रदर्शन तक किया जा चुका है लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही रहे है।

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