जिस विधायक गुढ़ा ने सरकार बचाई उसी को सदन में घेरकर पीटा गया – देवनानी

लाल डायरी में छुपा हुआ है कांग्रेस सरकार का काला सच – देवनानी
धर्मेंद्र राठौड़ है इस खेल के सबसे बड़े मोहरे – देवनानी

वासुदेव देवनानी
अजमेर 24जुलाई। सोमवार को विधानसभा में विधायक राजेंद्र गुढ़ा द्वारा लाल डायरी को रखे जाने के दौरान हुए हंगामे और बाद में विधायक गुढ़ा के साथ मारपीट की घटना को लेकर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी हैं। देवनानी ने कहा की जिस लाल डायरी से पूरी कांग्रेस बोखलाई हुई है उसका काला सच सबके सामने नही आए इसके लिए षड्यनात्रपूर्व सदन में विधायक गुढ़ा को घेरकर पीटा गया। देवनानी ने कहा की घटना साबित करती है की कांग्रेस किसी की सगी नही है। जिस विधायक गुढ़ा ने संकट के समय सरकार को बचाया और बाद में मंत्री बनाया उसी को एक सच स्वीकार करते ही तत्काल बर्खास्त कर दिया और आज सदन में उसके साथ मारपीट तक कर डाली। यह राजस्थान विधानसभा के इतिहास का एक काला दिन था।
देवनानी ने कहा की लाल डायरी में सूबे के मुखिया सहित कई बड़े कांग्रेसी नेताओ का काला सच छुपा हुआ है जिसके उजागर होने के डर से कांग्रेसी बौखलाए हुए है। देवनानी ने कहा की सरकार को स्पष्ट करना चाहिए की आखिर उस लाल डायरी में ऐसा क्या है जिससे कांग्रेस के भीतरखाने में इतनी खलबली मची हुई है। देवनानी ने कहा की विधायक गुढ़ा कह रहे है की यह लाल डायरी वो आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ की उस बिल्डिंग से लेकर आए थे जहां आयकर विभाग और ईडी ने रेड मारी थी। देवनानी ने आरोप लगाया की लाल डायरी में उन काले पैसों की बंदरबांट का हिसाब है जो राज्यसभा चुनाव और विधायको की बाड़ेबंदी के दौरान किया गया।
देवनानी ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने और असवेंधनिक तरीकें से काम करने का आरोप लगाया। देवनानी ने सत्ता पक्ष की और से सदन में रखे गए संकल्पों को लेकर निशाना साधते हुए कहा की विपक्षी विधायको को इसकी जानकारी पूर्व में नही दी गई और एकाएक सदन में संकल्पों रखकर शोर शराबे के बीच में उसे पारित करवा दिया जो की पूर्णतः असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। देवनानी ने भाजपा विधायक मदन दिलावर को भी सत्र के शेष समय के लिए निलंबित करने की कार्यवाही की निंदा की।
देवनानी ने कहा की सरकार खुद को कितना ही पाक साबित कर दे लेकिन पिछले साढ़े चार साल में सिलसिलेवार ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी है जिससे स्पष्ट हो रहा है की प्रदेश में संस्थागत भ्रष्टाचार को ना सिर्फ खुली छूट मिली हुई है बल्कि उसे सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगो का भी पूरा समर्थन है। यही कारण है की पेपर लीक मामले में अभी तक जारोली के बयान और गिरफ्तारी नहीं हुई, आरपीएससी पेपर लीक मामले में इसी सरकार द्वारा चयन किया गया सदस्य गिरफ्तार हुआ और इन्ही की सरकार में पूर्व में राज्यमंत्री का दर्जा हासिल कर चुका नेता गोपाल केसावत खुलेआम पैसे लेकर परीक्षा में पास करवाने का दावा करता है।

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