राष्ट्र की प्रगति में मातृभाषा का संरक्षण जरूरी – प्रो. छीपा

सिन्धी विश्वविद्यालय की करनी होगी स्थापना
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन 1354 वीं जयंती का भव्य समापन
हुये पुरस्कार वितरण व सांस्कृतिक कार्यक्रम
अजमेर 25 अगस्त महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रो. मोहनलाल छीपा ने शुक्रवार को यहां कहा है कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति में उसकी मातृभाषा का संरक्षण जरूरी है विश्व के प्रमुख देशों में अंग्रेजी के स्थान पर अपनी अपनी मातृभाषाओं में पढाई कराई जाती है।
हरिभाउ उपाध्याय नगर स्थित सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर आयोजित सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन 1354वीं जयंती के अवसर पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथी प्रो. छीपा ने कहा कि हमारे देश में पाश्चात्य संस्कृति का प्रचार प्रसार हो रहा था जिसे वर्तमान सरकार ने रोकते हुये भारतीय संस्कृति का प्रमुखता प्रदान की है। हमें अपनी भाषाओं को आगे बढाने के लिये जरूरी है कि उन्हें उचित स्थान व सम्मान दे। उन्होने कहा कि राजस्थान धरोहर एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे आंेकार सिंह लखावत द्वारा राज्यभर में 74 स्मारक बनवाकर हमारी संस्कृति को आने वाली पीढी के लिये संजोया है ऐसी धरोहर को हमें देश भर में विस्तार करना होगा। संस्कृति की रक्षा के लिये जरूरी है कि प्रत्येक देशवासी के मन में राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा दाहरसेन स्मारक के जीवन से मिलती है।
समारोह के अध्यक्षता करते हुये पूर्व संासद ओंकार सिंह लखावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि पिछले 27 वर्षों से राष्ट्रभक्ति के साथ महापुरूषों को याद किया जा रहा है। हमें अपनी संस्कृति की रक्षा हेतु अपनी जडों को मजबूत करना होगा। पृथ्वीराज स्मारक के बाद दाहरसेन स्मारक बनाने का निर्णय आज देश भर में चर्चा का विषय है। उन्होने कहा कि यदि महाराजा दाहरसेन नहीं होते तो 712 ई. से पूर्व ही हम गुलाम हो जाते। देश की चुनौतियों में आज भी कमी नहीं है लेकिन राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा लेकर देश की अक्षुणता बनाये रखने का संकल्प लेना होगा।
समारोह में जयपुर स आये भारतीय सिन्धु सभा के अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि संगठन की ओर से राज्यभर में देशभक्ति गायन के साथ विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है जिससे विद्यार्थियों व युवाओं को प्रेरणा मिल रही है।
इससे पूर्व समारोह के संयोजक कवंलप्रकाश किशनानी ने कहा कि देश दुनियो में यह पहला उदाहरण है कि महाराजा दाहरसेन, उसकी पत्नि लाडी बाई, दो पुत्रियों का बलिदान प्रेरणादायी है वहीं स्मारक पर 1857 की क्रांति से 1947 स्वतंत्रता तक बहुत से महापुरूष शहीद हुये जिनमें रूपलो कोल्ही, हेमू कालाणी, राणा रतन सिंह की मूर्तियां स्मारक पर स्थापित है। हम यहां लगातर कार्यक्रमों से युवा पीढी के साथ विद्यार्थियों को जोडकर आयोजन कर रहे है और जयंती पर भी सात दिवसीय आयोजन किये गये हैं।
सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि महाराजा दाहरसेन के स्मारक बनने के बाद निरंतर अजमेर के साथ देश भर में अलग अलग स्थानों पर ईकाईयों की ओर से देशभक्ति के कार्यक्रम हो रहे हैं और महाराजा दाहरसेन व अन्य सिन्ध के विषयों पर शोध कराने का कार्य जारी है।
आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ मयंक कोटवाणी के तबला वादन हुआ। कलपिता कलसी ने सूरज पर करे हम सवारी गीत के साथ वहां उपस्थित अपार जन समूह में जोश भरा। अजमेर संगीत कला केन्द्र के कलाकारों मेरे देश की अजीब कहानी… गीत की प्रस्तुति दी। स्वामी सर्वानन्द विद्यालयके गीत की प्रस्तुति के उपरांत संत कवंरराम विद्यालय के छात्र छात्राओं ने झांसी की रानी पर आधारित नृत नाटिका ने समारोह में नई उचाईयां प्रदान की। ओम योगा स्टूडिया द्वारा योग मुद्राओं ने सभी स्वास्थ्य के प्रति जागृत किया। कायक्रम में आदर्श विद्या निकेतन भारत मां की संतोने हम……., आदर्श विद्या निकेतन, हरी सुन्दर बालिका विद्यालय, एच.के.एच. स्कूल की ओर महाराजा दाहरसेन का नाटक मंचन, रा. उ.मा. सिन्धी विद्यालय देहली गेट की पेरोडी, मुकेश आर्य, घनश्याम भगत, मोहन कोटवाणी ने देश भक्ति गीतों के अलावा कलाकार राजेश टेकचंदाणी दाहरसेन की वेशभूषा में प्रस्तुति दी।
समारोह में रंगभरो प्रतियोगिता, साईकिल रैली, प्रश्नोतरी के विजेताओं को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ हिंगलाज माता पूजन, जगद्गुरू श्रीचन्द्र भगवान पूजन, महाराजा दाहरसेन व महापुरूषों की मूर्तियों पर श्रृद्धासुमन अर्पण के साथ राष्ट्र रक्षा सूत्र बाधंकर किया गया। मंच का संचालन पुरूषोतम तेजवाणी ने किया। स्वागत भाषण विनीत लोहिया व आभार मोहन तुलस्यिाणी ने प्रकट किया।
सभी कार्यक्रम अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर निगम अजमेर, भारतीय सिन्धु सभा, पर्यटन विभाग, सिन्धु साहित्य एवं इतिहास शोध संस्थान्, भारतीय इतिहास संकल्न समिति सिंधुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक विकास व समारोह समिति, अखिल भारतीय कोली समाज द साईकिल वाला के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
इस अवसर पर विधायक वासुदेव देवनाणी, ललित नागराणी, गिरधर तेजवाणी हरीश झामनाणी, नरेन्द्र बसराणी, नारायण सिंह, लेखराज राजोरिया, शिवप्रसाद गौतम, दुर्गाप्रसाद, शैलेन्द्र सिंह परमार, रामस्वरूप चौधरी, प्रकाश जेठरा, मुकेश आहूजा, रमेश मेंघाणी, कमलेश शर्मा, शुभम नाथ, राजेन्द्र कूढी, योगेश कुमार खत्री, तुलसी सोनी, अमित बजाज, घीसूलाल माथुर मामा, रमेश एच.लालवाणी, अनिल आसनानी, रूकमणी वतवाणी, अंजलि हरवाणी, केशवनाथ, राजा सोनी, महेश मूलचंदाणी सहित अलग अलग संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
समन्वयक,
मो. 9413135031

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