विज्ञान की तरक्की के साथ भारतीय दर्शन भी आवश्यक है

अजमेर। स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति अजमेर के तत्वाधान में सामाजिक सदभाव बैठक विभिन्न समाजों की उपस्थिति में मुख्य वक्ता डॉ. श्री कृष्णगोपाल जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसह कार्यवाह व समारोह समिति के प्रान्त सचिव डॉ. जसविंदर सिंह की उपस्थिति में श्रीराम धर्मशाला में आयोजित की गई।
डॉ. श्री कृष्णगोपाल जी ने स्वामी विवेकानन्द जी के 150वीं जयन्ति के अवसर पर कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी एक संयासी होने के साथ-साथ एक देविक दायित्व लेकर आये तथा अपनी वाणी, ज्ञान, प्रयोग, आव्हान के माध्यम से समस्त दूनिया को चमत्कृत किया। स्वामी विवेकानन्द जी ने अपने दर्शन के माध्यम से भारतीय समाज की अविराम छवि को विश्व पटल पर रखा। उन्होने कहा कि भारतीय समाज ही विश्व का एक ऐसा समाज है जो तर्क करने की अनुमति देता है और इसीलिये भारतीय समाज प्राचीन होते हुए भी नवीनतम है और भारतीय समाज की विशेषता भी रही है कि जब कभी भी संकट उत्पन्न हुआ तो एक महापुरूष ने जन्म लेकर हमारे दर्शन का ज्ञान हमें करवाया और वही काम स्वामी विवेकानन्द जी ने किया।
स्वामी विवेकानन्द ने धर्म की परिभाषा देते हुए उसे आज के समय में समझाने का प्रयास किया। उन्होने अपने वक्तव्य में कहा कि मतान्तर सेवा करने का दर्शन नहीं हो सकता और स्वामी विवेकानन्द ने भी विश्व के सभी धर्मो, पन्थों, सम्प्रदायों से परे मानव जाति के कल्याण के लिये सेवा, करूणा, ममता, प्रेम को प्रकट करने का व कार्य करने का संदेश दिया।
विवेकानन्द जी के काल में ओर आज के युग में भारतीय समाज की जो स्थिति है उसमें अधिक अन्तर नहीं है। आज भी भारतीय समाज भोगवादी की सुनामी से गुजर रहा है और पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव से भारतीय समाज का मूल स्वरूप खो रहा है हमें समाज में सक्रिय रह कर उसे बांधकर चलने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि विज्ञान की तरक्की के साथ भारतीय दर्शन भी होना आवश्यक है क्योंकि आध्यात्म के बिना विज्ञान अंधा होता है और विनाशक भी। विज्ञान के विनाश से बचने के लिये आध्यात्म एक मात्र साधन है तथा ये तालमेल तभी बैठ सकता है जब आध्यात्म को हम अपने जीवन पद्धति में समाहित करे।
कार्यक्रम में समारोह समिति के प्रदेश सचिव जसविंदर सिंह जी ने कहा कि सार्धशती के भारतीय जगाओ कार्यक्रम के जरीये 12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014 तक वर्षभर कार्यक्रम चलेगें। जिसमें पांच आयामों युवा, संवर्धनी, प्रबुद्ध भारत, अस्मिता व ग्रामायण के अर्न्तगत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें। समारोह के अन्तर्गत 1 लाख 21 हजार लोगों द्वारा संकल्प दिवस (25 दिसम्बर) पर संकल्प लिया गया। आगामी 12 जनवरी को प्रदेशभर में लगभग 25 हजार शोभायात्रायें निकालने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें महिलायें, युवा, प्रबुद्ध नागरिक, जन-जातियां व गांवो तक जुडकर पुरे वर्ष सेवा के नये आयाम स्थापित करेगें।
इस कार्यक्रम में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में द्वीप प्रज्ज्वलित किया गया और अन्त में कार्यक्रम का समापन्न वन्दे मातरम् गाान के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन आदित्य भूषण शर्मा द्वारा किया। अन्त में उपस्थित सभी आगन्तुकों का धन्यवाद उमरदान लखावत द्वारा ज्ञापित किया गया।
स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति 
अजमेर महानगर
मो. 9414281331, 982924633
error: Content is protected !!