रेलवे द्वारा यात्री भार की समीक्षा कर सामान्य ट्रेनों के अलावा स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है तथा ट्रेनों में अतिरिक्त डिब्बें लगाए जा रहे है। लेकिन कुछ लापरवाह रेल यात्री ज्वलनशील पदार्थ के साथ रेल यात्रा करते हैं जिससे वे स्वयं तथा अन्य यात्रियों के जीवन को भी संकट में डालते हैं ऐसे यात्रियों को जागरूक करने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सुनील कुमार महला के अनुसार ट्रेनों में आग की घटनाएं मानव जीवन एवं भारतीय रेल की संपदा के लिए घातक है इसलिए ट्रेन में आग की घटनाओं की रोकथाम हेतु जागरूकता अति आवश्यक है। चलती ट्रेन के डिब्बे में लगी आग अधिक खतरनाक होती है क्योंकि यह हवा के प्रभाव से अन्य डिब्बों में बड़ी तेजी से फैलती है। रेल कोचों में आग लगने के कई संभावित कारण है इसके अंतर्गत यात्री डिब्बों में ज्वलनशील पदार्थ जैसे कि स्टोव, गैस सिलेंडर, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, पटाखे आदि ले जाना या कागज, लकड़ी, पेट्रोल या इसी प्रकार की अन्य ज्वाइनशील पदार्थ के पास आग का प्रयोग करना या आग जलाना या दरवाजे के पास कूड़ादन से बाहर कूड़ा इत्यादि फेंकना के अलावा धूम्रपान करना और जलती हुई माचिस की तिली, सिगरे व बीड़ी के टुकड़े इत्यादि को लापरवाही से फेंकना। पैंट्री कर में गैस सिलेंडरों से रिसाव, पैंट्री कार में ज्वलनशील पदार्थ जैसे समाचार पत्रों, खाद्य तेलों इत्यादि को लापरवाही से भंडारण करना आदि शामिल है। अतः इस प्रकार की लापरवाहियों से बचना चाहिए, फिर भी यदि डिब्बे में आग लग जाए तो हड़बड़ी या भगदड़ नहीं की जानी चाहिए। अलार्म चैन खींचकर गाड़ी को तुरंत रोका जाना चाहिए। उपलब्ध अन्य द्वार या आपातकालीन खिड़की से यात्रियों को निकलना चाहिए । आग में जलने से अधिक लोग धुंआ के कारण दम घुटने से मरते हैं, अतः यात्रियों को सलाह दी जाती है कि ऐसी स्थिति में वे एक कपड़ा/रुमाल लें और उसे पानी से गिला कर लें और उसे अपने नाक व मुंह ढक ले जिससे सांस लेने पर धुँआ अंदर कम जाएगा जिससे उसके दुष्प्रभाव भी कम होंगे। रेलवे, संरक्षित और सुगम रेल संचालन के लिए प्रतिबद्व है और यात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा सर्वोच्य प्राथमिकता है। यात्री संरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए रेलवे द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही है। त्यौहार आदि के अवसर पर अक्सर देखा जाता है कि यात्री ज्वलनशील पदार्थ लेकर सफर करते है जोकि रेल यात्रा के दौरान प्रतिबंधित है अतः इससे बचा जाना चाहिए और यदि कोई यात्री ऐसी चीजों का अपने साथ परिवहन करता है तो इसकी शिकायत भी की जानी चाहिए। अजमेर मंडल पर विभिन्न प्रचार माध्यमों तथा यात्रियों से सीधा संपर्क कर इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
रेलवे का प्रयास है कि सभी यात्रियों की यात्रा आसान और सुखद हो तथा वो अपने गंतव्य तक सकुशल पहुंचे, यह रेलवे की कामना है। रेलवे सभी यात्रियों से अनुरोध करता है कि वे किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल और केरोसिन, स्टोव, माचिस, सिगरेट लाइटर और पटाखों सहित किसी भी विस्फोटक पदार्थ को साथ लेकर रेल यात्रा न करें।
रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 67, 164 और 165 के अनुसार, रेल यात्रा के दौरान ज्वलनशील और विस्फोटक सामग्री ले जाना एक दंडनीय अपराध है, अगर आप ऐसा करते पाए गए तो 1,000 तक का जुर्माना या तीन साल तक की कैद या दोनों का प्रावधान है।
मुख्य जनसंपर्क निरीक्षक अजमेर