मंगलवार को धर्म प्रभावना समिति, श्री सन्मति परिषद व सन्मति परिषद युवा शाखा द्वारा आचार्य विद्यासागर जी महाराज की दीक्षा स्थली महावीर सर्किल स्थित कीर्ति स्तंभ पर विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया । समिति के सदस्यों द्वारा सम्मिलित रूप से महाराजश्री के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर सभा शुरू की l इसके बाद निर्मला पांड्या ने मंगलाचरण गाया। तत्पश्चात णमोकार मंत्र का जाप किया गया। इस अवसर पर धर्म बंधुओं ने महाराज श्री के प्रति अपनी भावनाएं प्रस्तुत कर के विनयांजलि प्रस्तुत की।
इस अवसर पर सुनील दत्त जैन (राष्ट्रीय स्वयं सेवक, अजमेर), प्रकाश पाटनी (अध्यक्ष, गोधों का धड़ा), प्रो. सुशील पाटनी, जे के जैन ( अध्यक्ष, छतरी मंदिर), रौनक सोगानी, अशोक गदिया, विनय पाटनी, वी के जैन, ज्ञान पाटनी, रूपश्री मोडासिया (अध्यक्ष, धर्म प्रभावना समिति), निर्मला पांड्या (महामंत्री), कविता सेठी (मंत्री), रमेश बाकलीवाल (अध्यक्ष, श्री सन्मति परिषद), मनोज मोडासिया (मंत्री), सुभाष बड़जात्या, नीरू बड़जात्या, मदन गदिया, सुनील जैन, अमित जैन (सचिव, जैन सोशल ग्रुप), अनिल पाटनी, सुनील पहाड़िया, अवनीश अजमेरा, विनय गदिया, कला बज, कविता पहाड़िया, अनुराग लुहाड़िया, संगीता पांड्या, वर्षा लुहाड़ियां, राजकुमार पाटोदी आदि समाज के गणमान्य लोगों ने अपनी भावभीनी विन्यांजलि प्रस्तुत की व आचार्य श्री से जुड़े संस्मरण सुनाए।
मनोज मडोसिया ने बताया की आचार्य श्री श्रमण संस्कृति के महासूर्य, आध्यात्मिक सरोवर के राजहंस, जैन धर्म के महा साधक, मूक माटी महाकाव्य के रचयिता, राष्ट्रहित चिंतक थे।
निर्मला जी पांड्या ने अपने स्वर लहरी …. तुम गए कौनसे देश तुम्हें तेरे भक्त तरसते हैं …के माध्यम से अपनी विनयांजलि प्रस्तुत की। मंच संचालन लोकेश ढीलवारी ने किया ।
* मनीष पाटनी,अजमेर*