लोक कलाएं हमारे जीवन में खुशियों का प्रतीक

राजस्थान ललित कला अकादमी जयपुर और कला, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग राजस्थान की ओर से सिविल लाइंस में चल रहे ग्रीष्मकालीन शिविर में सोमवार को पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं विधायक अनीता भदेल ने शिरकत करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि लोक कलाएं हमारे जीवन में खुशियों का प्रतीक है, मैं खुद तीज, त्यौहार उत्सव पर घर में मांडणा व रंगोली बनाती हूं, अपनी बनाई हुई कलाकृति की खुशी अलग ही है जो बाजार से लाने पर नहीं मिलती।
शिविरार्थियों से उन्होंने कहा कि गर्मियों की छुट्टियों में आराम छोड़ कर यहां आप सीखने आ रहे है, यहां से जाने के बाद भी अभ्यास निरंतर रखे। इसे प्रोफेशन के रूप में भी काम में ले सकते है, पर्यटन स्थलों पर कलाकृतियो की विशेष मांग रहती है और बिक्री भी होती है, उन्होंने कहा कि कला में परिपक्वता होना अनिवार्य है, क्रिएटिविटी और अभ्यास से अवश्य निखार आता है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के अवर सचिव अनिल जैन ने कहा कि शिविर के माध्यम से विद्यार्थियों के समर वेकेशन का सदुपयोग हो रहा है, कला से जुड़ाव व्यक्ति को सुकून देता है साथ ही सृजनात्मकता में विकास होता है। कला क्षेत्र के करियर की अपार संभावनाएं है।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हाल ही में कला संकाय में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली निकिता का शिविर में अभिनंदन किया गया, अनिता भदेल ने निकिता का माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दी। निकिता ने बच्चों को कला में करियर से संबंधित जानकारियां दी और अपने अनुभव साझा किए।
शिविर के दौरान सोमवार को लोक कलाकार संजय सेठी के निर्देशन में नवोदित कलाकारों को मांडणा प्रशिक्षण के अंतर्गत सूती कपड़े पर मांडणा बनाना सिखाया गया जिसका की मुख्य उद्देश्य था कि नवोदित कलाकार सभी तरह के सरफेस पर काम करना सीखे साथ ही आगे चलकर पिलो कवर, कुशन कवर, बेडशीट, कुर्ते, साड़ी इत्यादि पर पेंटिंग कर रोजगार भी प्राप्त कर सके। प्रियंका सेठी, मीनाक्षी मंगल, इंदू खंडेलवाल ने भी प्रशिक्षण में सहयोग किया।

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